आजमगढ़ के मुबारकपुर में 14 और 15 दिसंबर को पारंपरिक तौर पर होने वाले उर्स में मेहमानों की आमद शुरू
आज़मगढ़: (संवाददाता) विश्व विख्यात दीनी दरसगाह अल जामीयतुल अशरफिया मुबारकपुर आजमगढ के संस्थापक हुज़ूर हाफिज मिल्लत मौलाना शाह अब्दुल अज़ीज़ मुहद्दिस मुरादाबादी के 49 वें दो दिवसीय उर्स एवं जलसा दस्तारबंदी की तैयारियां इन दिनों यहां जोर-शोर से चल रही हैं यह उर्स इस बार 14 और 15 दिसम्बर यानि बृहस्पतिवार और शुक्रवार को होगा इस सिलसिले में अल जामीयतुल अशरफिया यूनिवर्सिटी के सरबराह ए आला (कुलपति) अल्लामा शाह अब्दुल हफीज़ अजीज़ी की अध्यक्षता में विगत दिनों सदस्य उर्स कमेटी और अध्यापकों की मीटिंग में सभी जिम्मेदारों को बेहतर इंतजाम और साफ़ सफ़ाई पर विषेश ध्यान रखने की हिदायत दी गई है जिससे की ज़ायरीन (मेहमानों) को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े साथ ही इस बात की भी हिदायत दी गई कि उर्स गाह में किसी भी गैर-शरई क्रिया कलाप की अदाएगी न हो इस उर्स में उर्सगाह क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों की उपस्थित को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है साथ ही साथ ज़ायरीन को नमाज़ बा जमाअत की पाबंदी का ख्याल रखने की हिदायत दी गई है।
ध्यान रहें की जिला प्रशासन, पुलिस इंतजामिया और नगर पालिका मुबारकपुर इस उर्स और एक बड़े मेले के आयोजन को लेकर बेहतर भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस उर्स की शुरुआत गुरुवार की सुबह हाफिज मिल्लत के आवास पर सामूहिक कुरान खानी से होगी फिर चादरपोशी और गुलपोशी का सिलसिला शुरू जाएगाजो पूरे दिन जारी रहेगा इशा की नमाज़ के बाद अजीजुल मस्जिद में इजलास होगा इसी तरह उर्स का दूसरा दिन भी कुरान की तिलावत से शुरू होगा और शाम तक चादर पोशी और गुलपोशी का सिलसिला जारी रहेगा। बाद नमाज़ ईशा जलस ए दस्तार फज़ीलत का आयोजन होगा जिसमें जामीया के फारगीन की दस्तार बंदी की जाएगी यह जानकारी जामिया के प्रबंधक हाजी सरफराज अहमद ने दी है उन्होंने आने वाले तमाम जायरीन से अपील की है कि वह अपने सहयोग से उर्स की पवित्रता और शिष्टाचार को भली भांति बनाए रखें।