Pakistan Sukkur Train Accident: एक गलती ने 300 से ज्यादा लोगों को ‘मौत की नींद’ सुलाया था। आज उस त्रासदी को 14 साल हो गए, जानें क्या हुआ था?
Pakistan Sukkur Train Accident Anniversary: 1500 पैसेंजर्स, 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार, मुलतान से कराची तक का सफर, अचानक जोरदार टक्कर हुई और पटरी से उतर गए ट्रेन की डिब्बे…मौके पर ही 300 से ज्यादा लोग ‘मौत’ की नींद सो गए। लाइनमैन की एक गलती ने 4 जनवरी को पाकिस्तान को वो दर्द दे दिया, जिसे चाहकर भी कोई कभी भुला नहीं पाएगा। हादसे की जांच हुई तो लाइनमैन ने अपनी गलती स्वीकार कर ली कि गलती से उसने पैसेंजर ट्रेन को उस पटरी पर डाल दिया, जिस पर एक मालगाड़ी पहले से खड़ी थी। जांच में रेल कर्मचारियों को सीधे तौर पर आपदा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। 3 कर्मचारियों पर हत्या का केस दर्ज हुआ था।
क्या हुआ था 4 जनवरी 1990 की उस रात को?
4 जनवरी 1990 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सुक्कुर के पास सांगी गांव में ट्रेन हादसा हुआ था। इस हादसे में करीब 307 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हादसा इतना भयावह था कि ट्रेन के डिब्बे काटकर लाशें निकालनी पड़ीं। 16 डिब्बों वाली बहाउद्दीन ज़कारिया एक्सप्रेस मुल्तान से कराची के लिए निकली थी। 1500 यात्री नींद के आगोश में थे। 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन पटरियों पर दौड़ रही थी कि सांगी गांव के पास लाइनमैन ने ट्रेन को उस पटरी पर डाल दिया, जिस पर मालगाड़ी पहले से खड़ी थी। इससे पहले की ड्राइवर ब्रेक लगा पाता, ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई और आगे के डिब्बे पटरी से उतरकर हादसाग्रस्त हो गए।
गायब हो गए थे स्टेशन मैनेजर और लाइनमैन
5 जनवरी की सुबह जब लोगों ने टेलिविजन पर हादसे की भयावहता देखी तो पूरा पाकिस्तान गम में डूब गया। हादसे में घायल लोगों से मिलने के लिए खुद उस समय की प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो कराची से मुलतान मिलने के लिए आई थीं। उन्होंने हादसे को त्रासदी बताया और इसके पीछे साजिश होने की बात कही। वहीं जांच के दौरान पता चला कि हादसा होते ही स्टेशन मैनेजर और 2 लाइनमैन गायब हो गए, जिनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया गया था। क्योंकि गायब होकर उन्होंने साबित कर दिया था कि हादसा उनकी वजह से हुआ है। इससे पहले एक हादसा 1953 में हुआ था, जिसमें करीब 200 लोगों मारे गए थे। हादसे हादसे में 300 की जान गई थी।