ईरान के कामरान शहर में दोहरे बम धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, जबकि लगभग 200 लोग घायल हो गए। ये बम धमाके रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल रहे कासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर हुए।
अब तक इन धमाकों का शक इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर जताया जा रहा था क्योंकि ईरान के कुद्स फोर्स के कुछ अधिकारी भी वहां मौजूद थे। कुद्स फोर्स हमेशा अमेरिका और इजराइल के रडार पर रही है, लेकिन अब इसका असली विलेन सामने आ गया है। दरअसल, इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
ISIS के सदस्यों ने विस्फोटक चलाए थे
अपने टेलीग्राम चैनलों पर पोस्ट किए गए एक बयान में सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह ने दावा किया कि उसके दो सदस्यों ने ये धमाके किए। ISIS मेंबर्स ने बुधवार को कासिम सुलेमानी की डेथ एनिवर्सरी पर कब्रिस्तान में इकट्ठा हुई भीड़ के भीतर विस्फोटक बेल्ट चलाए थे।
इन हमलों को 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से सबसे घातक माना जा रहा है। ईरान ने इसके प्रतिशोध की कसम खाई है। जानकारी के अनुसार, कब्रिस्तान में प्रारंभिक विस्फोट संभवतः आत्मघाती हमलावर ने किया था। इसी तरह दूसरे विस्फोट का कारण भी माना गया है।
विरोध प्रदर्शन का आह्वान
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आतंकवादी हमले की निंदा की है। साथ ही ईरानी सरकार और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। पीड़ितों के अंतिम संस्कार के दौरान शुक्रवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने इन हमलों की भरसक निंदा की है।
पहले भी आईएसआईएस ने किए धमाके
इससे पहले 2022 में इस्लामिक स्टेट ने ईरान में एक शिया धर्मस्थल पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही आईएसआईएस ने 2017 में ईरान की संसद और अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी की कब्र को निशाना बनाकर किए गए दोहरे बम विस्फोटों की जिम्मेदारी भी ली थी। हालांकि अमेरिका ने इन हमलों में शामिल होने से इनकार किया है। आईएसआईएस और ईरान की दुश्मनी काफी पुरानी है।
सुलेमानी ने की थी आईएसआईएस के खिलाफ जंग लड़ने में मदद
ईरान ने ईराक में आईएसआईएस से लड़ने के लिए सेना तैनात की थी। उस वक्त ईराक ने तिकरित में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में ईरान की सराहना की थी। आईएसआईएस ने इससे पहले कासिम सुलेमानी की हत्या पर खुशी जताई थी। जिन्हें अमेरिका ने 2020 में ड्रोन हमले में मार गिराया था। दरअसल, सुलेमानी ने ईराकी सरकार और शिया मिलिशिया के संयुक्त बलों की मदद की थी। इन बलों ने आईएसआईएस के खिलाफ 2014-15 में जंग लड़ी थी।