NCP MLA Rohit Pawar ED Probe: बारामती एग्रो चीनी मिल मामले को लेकर NCP विधायक रोहित पवार को ED ने जांच के लिए बुलाया।
NCP MLA Rohit Pawar ED Probe: महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आई है। NCP सुप्रीमो शरद पवार के पोते रोहित पवार पर बारामती एग्रो चीनी मिल मामले को लेकर गाज गिरती दिखाई दे रही है।
NCP विधायक रोहित पवार को मामले की जांच के लिए बुधवार को ED ने बुलाया। ED दफ्तर जाने से पहले रोहित पवार ने शरद पवार का आशीर्वाद लिया। सुप्रिया सुले के भी पैर छुए। जांच के विरोध में NCP दफ्तर के बाहर हजारों पार्टी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया।
बारामती एग्रो चीनी मिल का क्या है मामला?
औरंगाबाद जिले में स्थित कन्नड़ सहकारी शुगर फैक्ट्री बीमार होने के बाद लोन नहीं चुका पाई। इसके बाद महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक ने उसे नीलाम कर दिया। इस नीलामी में जिन कंपनियों ने हिस्सा लिया, उन्होंने कई बैंकों से पैसे उठाए थे। नीलामी में बारामती एग्रो मिल को 50 करोड़ रुपये में खरीद लिया गया।
इस नीलामी में जो कंपनियां शामिल थीं, उनके बीच हुआ आर्थिक व्यवहार शक के दायरे में आने लगा। बारामती एग्रो की नीलामी में हाइटेक इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, इंडिया लिमिटेड और समृद्धि शुगर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हुई थीं। आरोप है कि कंपनी ने नीलामी के लिए जरूरी 5 करोड़ रुपये की रकम बारामती एग्रो से ली थी। इसी मामले की जांच ED कर रही है।
जरंडेश्वर शुगर मिल मामला
सातारा जिले की जरंडेश्वर शुगर मिल का मामला भी पिछले कुछ सालों से सुर्खियों में है। जरंडेश्वर शुगर मिल को बीमार बताकर इसे भी कम दाम में खरीदा गया था। जब इस चीनी मिल की नीलामी हुई तो उसे गुरु कमोडिटीज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने खरीदा था
गुरु कमोडिटी को मिल खरीदने के लिए जो पैसे मिले थे, वह पैसे स्पार्कलिंग सॉइल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने दिए थे। यह कंपनी अजीत पवार और उनकी पत्नी सुमित्रा पवार की है। ED को शक था कि गुरु कमोडिटीज सिर्फ नाम के लिए है। असल में कंपनी का पूरा मालिकाना हक स्पार्कलिंग सॉइल के पास है।
मिल के नाम पर बैंक से लोन
गुरु कमोडिटीज कंपनी ने जरंडेश्वर शुगर मिल को खरीदने के बाद इसको लीज पर दूसरी फर्म को दे दिया और वह फर्म भी अजीत पवार के नियंत्रण में थी। गुरु कमोडिटीज द्वारा चीनी मील को लीज पर देने के बाद मिल के नाम पर पुणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक से 100 करोड़ रुपये का लोन लिया गया था। इसके बाद भी इस मिल के नाम पर 600 करोड़ रुपये का लोन लिया गया।
अजीत पवार पर कब होगी कार्रवाई?
इतना बड़ा घालमेल होने पर भी अजीत पवार पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। NCP शरद पवार गुट का मानना है कि अजीत पवार के खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई है, क्योंकि वह महायुति की सरकार में शामिल हो गए।
ऐसा कहा जाता है कि पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र में कई राजनेताओं ने कुछ चीनी मिलों को बीमार बताकर उसे सस्ते में खरीद लिया। इन सभी पर ED की कार्रवाई चल रही थी, लेकिन अधिकतर नेताओं पर और उनकी कंपनी पर फिलहाल कार्रवाई होती दिखाई नहीं दे रही है।