Who Is Rohit Pawar In Hindi: शरद पवार गुट के NCP नेता रोहित पवार आज ED के सामने पेश हुए। उनका नाम MSC Bank Scam केस में सामने आया है।
Who Is Rohit Pawar In Hindi: शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता रोहित पवार से प्रवर्तन निदेशालय आज पूछताछ कर रही है। मुंबई स्थित ईडी ऑफिस के अंदर जाने से पहले रोहित ने एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के पैर छुए। रोहित का नाम महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले (Maharahstra State Cooperative Bank Scam) में सामने आया है। इसी सिलसिले में ईडी ने उन्हें समन भेजा था। रोहित पवार कौन हैं? आइए जानते हैं…
कौन हैं रोहित पवार?
रोहित पवार का पूरा नाम रोहित राजेंद्र पवार है। वे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के पोते हैं। रोहित इस समय करजत-जामखेड निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। उनका जन्म 29 सितंबर 1985 को बारामती जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम राजेंद्र पवार और माता का नाम सुनंदा पवार है। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मैनेजमेंट किया है। रोहित का विवाद कुंती पवार से हुआ है। उनके दो बच्चे भी हैं। वे महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।
MSC Bank Scam क्या है?
रोहित पवार का नाम एमएससी बैंक स्कैम में सामने आया है। यह घोटाला 25000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले ऋण वितरण से संबंधित है। इस मामले में चार लोगों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच की और 2020 में बॉम्बे सेशन कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिस पर ईडी ने क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ हस्तक्षेप याचिका दायर कर जांच शुरू की।
‘मैं मराठी हूं, किसी से नहीं डरता’
रोहित ने कहा कि अगर ईडी की कार्रवाई मुझ पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है तो यह प्रयोग गलत व्यक्ति पर किया गया है। मैं मराठी हूं। किसी से नहीं डरता। वहीं, गिरफ्तारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। इसलिए गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं बनता।
‘मुझे ईडी पर पूरा भरोसा है’
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जांच पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। मुझे ईडी पर पूरा भरोसा है। मुझे यकीन है कि वे रोहित का पक्ष सुनेंगे। हम सभी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे, क्योंकि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद में भारत सरकार द्वारा एक जवाब दिया गया था कि आईटी, सीबीआई और ईडी के 95% मामले विपक्षी दलों के नेताओं पर है।