Don Mukhtar Ansari Grave: डॉन मुख्तार अंसारी की कब्र तैयार हो गई है। दफनाने की तैयारी भी परिजनों ने कर ली है, पार्थिव शरीर आने का इंतजार है। मुख्तार को उसी कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा, जहां उसके अम्मी-अब्बू और अन्य परिजनों की कब्र है।
Don Mukhtar Ansari Grave Ready: डॉन मुख्तार अंसारी की कब्र तैयार हो गई है। उसे गाजीपुर के मोहम्दाबाद यूसुफपुर में काली बाग स्थित कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा। इसी कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी के अम्मी-अब्बू की कब्र भी है। उसके चाचा-चाची को भी यहीं दफन किया गया था। इन सभी के पास डॉन को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। पोस्टमार्टम हो गया है, लेकिन बेटे उमर अंसारी ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर सवाल उठाए हैं।
उमर अंसारी ने एक लेटर लिखकर पिता मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों से कराने की मांग की है। दूसरी ओर, मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से पैरोल नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है। अब्बास अंसारी अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। ऐसे में अब सवाल यह उठा रहा है कि मुख्तार अंसारी को कब दफनाया जाएगा?
डॉन मुख्तार अंसारी की अचानक मौत होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डॉन की मौत की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर समेत कई दिग्गज नेताओं ने डॉन की मौत को साजिश करार दिया है और जांच कराने को भी कहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी अपने X हैंडल पर लिखा कि मुख्तार अंसारी की मौत स्वाभाविक नहीं लगती। इस बीच बांदा मजिस्ट्रेट ने मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बांदा CJM गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है और 30 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश भी दिए हैं।
जेल में खराब हुई थी मुख्तार अंसारी की तबीयत
बता दें कि उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में कैद डॉन मुख्तार अंसारी की बीती रात अचानक तबीयत खराब हो गई थी। मुख्तार अंसारी रोजे रख रहा था, लेकिन बीती रात अचानक उल्टी लगी और वह बेहोश हो गया। यह देखकर जेल अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। वे उसे लेकर तुरंत बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज पहुंचे, लेकिन प्राथमिक जांच में ही डॉन को मृत घोषित कर दिया गया।
मुख्तार अंसारी साल 2005 से जेल में था और उसके खिलाफ 4 राज्यों में 65 आपराधिक मामले दर्ज थे। 8 केसों में उसे सजा सुनाई गई थी। 2 केसों में उसे आजीवन कारावास हुआ था। 21 केसों में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी कि मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।