Gullak Season 4 Review: मध्यम वर्ग के लोगों की जिंदगी को दर्शाती वेब सीरीज ‘गुल्लक’ का सीजन-4 ऑन एयर हो गया है। 2019 में जब देश में कोरोना ने दस्तक दी, जब मिडिल क्लास के एंटरटेनमेंट के लिए सोनी लिव चैनल पर ‘गुल्लक’ की कहानियां दिखाने की शुरुआत हुई, जिन्होंने एंटरटेनमेंट की दुनिया को ऐसे खनकाया, जैसे सिक्के खनकते हैं।
Gullak Season 4 Review: (Ashwani Kumar) गुल्लक-4 कहानी है, बिजली विभाग में काम करने वाले संतोष मिश्रा जी की मिडिल क्लास फैमिली की। उनके परिवार में उनकी पत्नी शांति, बड़ा बेटा अन्नू, छोटा बेटा अमन है, जो अपनी छोटी-सी जिंदगी में बहुत खुश हैं। छोटी-छोटी बातों और छोटी-छोटी खुशियों में जिंदगी का असली मजा तलाशते हैं। वैसे इन चारों किरदारों से आप गुल्लक के पहले 3 सीजन में वाकिफ हो चुके हैं। चौथे सीजन में मिश्रा जी के बड़े लाल अन्नू नौकरी करने लग गए हैं। उन्हें मेडिकल रिप्रेंजेंटेटिव का जॉब मिला है, लेकिन बॉस शशिरंजन से वे त्रस्त हैं। उनके तीखे तेवरों से अन्नू परेशान है।
एडल्टिंग और पैरेटिंग की थीम
अमन जवानी में कदम रख चुका है और महिला दोस्त बनाने के लिए बेकरार है। गुल्लक सीजन- 4 की थीम एडल्टिंग और पैरेटिंग ही है, लेकिन इस बार सीजन में कुछ टेंशन भरा माहौल भी मिश्रा जी के परिवार में देखने को मिलेगा। मिश्रा जी को नगर निगम का नोटिस आता है, जिसमें लिखा है कि मिश्रा जी ने अपना घर नक्शे के मुताबिक नहीं बनवाया है। उन्हें इस नोटिस का जवाब देना है। समस्या का समाधान भी कराना है और यह घूस दिए बिना संभव नहीं है, लेकिन अपनी सूझबूझ से मिश्रा जी अपनी समस्या का समाधान बिना घूस दिए कराने में सफल हो जाते हैं। उनका स्वाभिमान भी बच जाता है।
अन्नू भईया का नौकरी का संघर्ष
दूसरा धारावाहिक भी टेंशन भरा है। शांति मिश्रा मंदिर से लौटती हैं तो रास्ते में उनके गले से कोई सोने की चेन झपट कर ले जाता है। इससे मिश्रा जी के परिवार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन परिवार मिलकर इस मुसीबत से उबर जाता है। तीसरे एपिसोड में दिखाया गया है कि जिस कबाड़ को घर से बाहर फेंक दिया जाता है, वह कितना काम आ सकता है? चौथे एपिसोड में अन्नू भईया का नौकरी के लिए संघर्ष दिखाया गया है। वहीं अमन की मुलाकात एक लड़की से होती है। चौथा एपिसोड खत्म होते-होते दोनों भाइयों में पारिवारिक विवाद होने से घर में टेंशन का माहौल बन जाता है। 5वें एपिसोड की कहानी देश के हर मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी है। पारिवारिक विवाद में मिश्रा जी का हाथ अमन पर उठा जाता है। क्लाइमेक्स थोड़ा इमोशनल करेगा, लेकिन चौथे सीजन की कहानी बड़ा सवाल छोड़ती है कि क्या गुल्लक की खनक फिर सुनाई देगी या कहानियों का सफर यहीं थम जाएगा? यह भविष्य और वक्त के गर्त में है, फिलहाल चौथे सीजन का लुत्फ उठाइए।
कैसा रहा डायरेक्शन?
क्योंकि डायरेक्टर श्रेयांष पांडे ने मिश्रा फैमिली को हर मध्यम वर्गीय परिवार से जिस तरह जोड़ने की कोशिश की है, वह लाजवाब है। चौथे सीजन में भी एक परिवार के लिए मां का महत्व क्या है? बखूबी दिखाने का प्रयास किया गया है। गीतांजली कुलकर्णी ने शांति मिश्रा का किरदार इतनी शिद्दत से निभाया कि लोगों के जिंदगी में मां का महत्व और जीवंत हो जाएगा। शांति मिश्रा के किरदार से दिखाया गया है कि कैसे मां मुश्किलों और संघर्षों के बीच भी छोटी-छोटी खुशियां समेत लाती है। जमील खान ने एक परिवार का मुखिया होने के साथ 2 जवान बच्चों के प्रति पिता की भावनाओं और संघर्ष से दुनिया को वाकिफ कराया है।
इमोशन्स से भरपूर है सीरीज
वैभव राज गुप्ता अन्नू भइया के किरदार में थोड़े सख्त और थोड़े नरम बड़े भाई का जीता जागता उदाहरण हैं। हर्ष मायर ने मिश्रा जी के छोटे बेटे अमन के किरदार को इस तरह निभाया कि हर परिवार को अपने छुटके की छवि दिखाई देगी। कुल मिलाकर 5 एपिसोड वाली वेब सीरीज गुल्लक का सीजन-4 एंटरटेनमेंट और इमोशन्स से भरपूर है। देखेंगे तो गुल्लक की नई कहानियों को अपनी जिंदगी से रिलेट पाएंगे।