Green tax Increase on old vehicles in UP: यूपी में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पुरानी गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। ऐसे में अब वाहन चालकों को 15 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
Green tax Increase on old vehicles in UP: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद यूपी की योगी सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही हैं। इस बीच सरकार ने फैसला किया है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों पर अब 10 की बजाय 25 प्रतिशत ग्रीन टैक्स देना होगा। ग्रीन टैक्स के नाम पर कर बढ़ोतरी का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अधिकारियों की मानें तो अक्टूबर तक ग्रीन टैक्स की बढ़ी राशि प्रभावी हो जाएगी। वहीं डीजल और पेट्रोल से चलने वाले गाड़ियों के पंजीयन पर 1 से 5 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है।
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार ग्रीन टैक्स की वैधता 5 साल ही रहती है। अगर किसी वाहन का एक बार पंजीयन होने के बाद दोबारा पंजीयन होता है तो एकमुश्त टैक्स का 25 प्रतिशत देना होगा। पेट्रोल चलित वाहनों का दोबारा पंजीयन 5 साल के लिए वैध होगा। उदाहरण के तौर पर अगर आपने 2015 में वाहन खरीदा और उसके पंजीयन पर 1 लाख रुपए का टैक्स दिया तो 15 साल बाद 2030 में दोबारा पंजीयन कराना होगा और गाड़ी के मालिक को 25 हजार रुपए का ग्रीन टैक्स देना होगा। यह टैक्स भी अगले 5 साल तक के लिए ही वैध होगा। इसके बाद वाहन का फिर से पंजीयन कराना होगा तो साल 2035 फिर से 25 हजार रुपये ग्रीन टैक्स के तौर पर चुकाने होंगे।
यूं लगता है ग्रीन टैक्स
किसी गाड़ी की तय समय सीमा पूरी होने के बाद दोबारा पंजीकरण कराना होता है। नए वाहन के पंजीयन के समय 1 लाख रूपये टैक्स जमा होता है। इस पर 10 हजार रुपए ग्रीन टैक्स जमा होता है। नए प्रस्ताव के अनुसार जब गाड़ी को 15 साल पूरे हो जाएंगे तो दोबारा पंजीयन कराना होगा और 25 हजार रुपये ग्रीन टैक्स के तौर पर जमा कराने होंगे।