jammu Kashmir Terror Attack: जम्मू कश्मीर में बढ़ता आतंकवाद देश के लिए चिंता का सबब बन गया है। पिछले कुछ घंटों के भीतर घाटी में 3 आतंकी हमले हुए हैं। ऐसे में आतंकियों का अचानक से जम्मू कश्मीर में एक्टिव होना कई सवाल खड़े करता है।
Jammu Kashmir Terror Attack: जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं एक बार फिर से बढ़ने लगी हैं। पिछले 60 घंटों में 3 आतंकी हमले देखने को मिले हैं। रियासी के बाद कठुआ और डोडा में भी आतंकी हमला हुआ है। ऐसे में सवाल ये है कि जम्मू कश्मीर में फिर से सिर उठाते आतंकियों का मकसद क्या है?
लोकसभा चुनाव में हुए हमले
बीते दिनों जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव हुए थे। 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद ये घाटी में पहले चुनाव थे। इस दौरान सभी लोकसभा सीटों पर बढ़-चढ़ कर मतदान हुए और भारी संख्या में लोगों ने वोट किया। चुनाव के दौरान भी आतंकियों ने मतदाताओं में खौफ पैदा करने का पूरा प्रयास किया। मगर उनकी सारी योजनाएं विफल साबित हुईं और वोटिंग के साथ-साथ नतीजे भी सामने आ गए।
भारी मतदान देख बौखलाए आतंकी
जम्मू कश्मीर में हुए मतदान ने सीधे आतंकियों की साख पर वार किया। चुनावी मौसम में सरहद पार से भी आजादी की मांग उठने लगी। जाहिर है अगर जम्मू कश्मीर के लोगों का चुनाव और सरकार पर विश्वास बढ़ा तो इससे आतंकवाद का किला धराशाही हो जाएगा। यही वजह है कि घाटी में आतंकवाद फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहा है और आने वाले दिनों में कई बड़े इवेंट्स को टारगेट बना सकता है।
1. अमरनाथ यात्रा
जम्मू कश्मीर में 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। 43 दिन की ये यात्रा 19 अगस्त को खत्म होगी। अमरनाथ यात्रा सालों से आतंकियों के निशाने पर रही है। हालांकि सेना ने कई बार आतंकियों के मनसूबों पर पानी फेरा है। हर बार की तरह इस बार भी यात्रा के लिए सुरक्षा बलों की तैयारी चाक चौबंद है। मगर आतंकी इसमें सेंध लगाने की कोशिश कर सकते हैं।
2. विधानसभा चुनाव
आर्टिकल 370 हटाने के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 से पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने का आदेश दिया था। यानी सिंतबर तक घाटी में चुनाव की घोषणा होने वाली है। जाहिर है लोकसभा चुनाव में बंपर वोटिंग से बौखलाए आंतकी विधानसभा चुनाव रुकवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
3. टूरिस्ट भी बन सकते हैं निशाना
जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए आतंकी दूसरे राज्यों से आए यात्रियों को भी निशाना बना सकते हैं। 9 जून की रात को रियासी में तीर्थ यात्रियों की बस पर हुआ आतंकी हमला इसी का उदाहरण है। इससे पहले मतदान के दौरान भी आतंकियों ने अनंतनाग में एक कपल पर हमला किया था।