7 Types Of ITR Form Know About Them : वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख नजदीक आ रही है। ITR ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से भरा जा सकता है। आईटीआर फाइल करने के लिए 7 तरह के फॉर्म मौजूद हैं। इनकम और इनकम के तरीके के आधार पर इन्हें भरा जाता है। जानें, कौन सा फॉर्म किसके लिए सही रहेगा:
7 Types Of ITR Form Know About Them : वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अगर आपने अभी तक ITR फाइल नहीं किया है तो इसे जल्दी से फाइल कर दें। वहीं अगर आप नौकरीपेशा हैं और कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 नहीं मिला है तो बेहतर होगा कि अभी फॉर्म 16 का इंतजार करें। जब यह फॉर्म मिल जाए, उसी के बाद ITR फाइल करें। वहीं दूसरी ओर अगर आप कोई बिजनेस करते हैं या आमदनी का कोई दूसरा सोर्स है तो अभी रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
…तो आ सकता है नोटिस
ITR फाइल करने के लिए एक फॉर्म भरा जाता है, फिर चाहें आप ITR ऑनलाइन फाइल करें या ऑफलाइन। ये फॉर्म 7 तरह के होते हैं। इनकम और इनकम के नेचर के हिसाब से अलग-अलग फॉर्म भरे जाते हैं। अगर आपने गलत फॉर्म भर दिया तो इनकम टैक्स की तरफ से नोटिस भी आ सकता है। इसलिए ITR फाइल करते समय सही फॉर्म का चुनाव करें। अगर कोई परेशानी आए तो एक्सपर्ट की मदद लेनी चाहिए।
ITR-1
इस फॉर्म को सहज भी कहते हैं। यह फॉर्म मुख्य रूप से सैलरी वालों के लिए होता है। साथ ही कुल आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसे सहज इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे भरना बहुत ही आसान होता है। इसे बिना किसी एक्सपर्ट की मदद से भी भरा जा सकता है। ITR-1 फॉर्म भरने वाले शख्स की इनकम के सोर्स ये होने चाहिए:
- सैलरी
- फैमिली पेंशन
- एक घर से मिलने वाला किराया
- ब्याज
- खेती
यहां ध्यान रखें कि खेती से होने वाली कुल इनकम 5000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
ITR-2
वे लोग जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें ITR-2 फॉर्म भरना होता है। साथ ही जिनके पास एक से ज्यादा प्रॉपर्टी है या विदेश से आमदनी हो रही है या विदेश में संपत्ति है, उन्हें भी यह फॉर्म भरना होता है। इसके अलावा इन लोगों को भी ITR-2 फॉर्म भरना होता है:
- किसी कंपनी में डायरेक्टर या अन-लिस्टेड कंपनियों के शेयर होल्डर्स हैं।
- खेती से कुल इनकम 5000 रुपये से ज्यादा है।
- कैपिटल गेन्स, क्रिप्टोकरेंसी आदि से होने वाली इनकम।
ITR-3
अगर आप बिजनेस कर रहे हैं या किसी प्रोफेशन से आमदनी आती है तो आपको ITR-3 फॉर्म भरना होगा। वहीं अगर कोई शख्स किसी फर्म में पार्टनर है तो उसे भी यह फॉर्म भरना होता है। ध्यान रखें कि इंडिविजुअल से अलग ऐसे HUF (Hindu Undivided Family) जिनकी आमदनी बिजनेस या प्रोफेशन से है, वे इस फॉर्म को नहीं भर सकते।
ITR-4
इस फॉर्म को वे इंडिविजुअल्स, HUF और फर्म (LLP को छोड़कर) भर सकते हैं जिनकी कुल सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक है। लेकिन आमदनी इस तरह होनी चाहिए:
- इनकम टैक्स की धारा 44AD या 44AE के अंतर्गत बिजनेस से हुई इनकम।
- इनकम टैक्स की धारा 44ADA के अंतर्गत प्रोफेशन तरीके से हुई इनकम।
- आईटीआर-1 के तहत हुई कमाई।
ITR-5
इस फॉर्म को इंडिविजुअल या HUF या कंपनी नहीं भर सकतीं। यह कुछ संस्थाओं के लिए होता है। इस फॉर्म को फर्म LLP, AOPs (Association of Persons), BOIs (Body of Individuals), Artificial Juridical Person (AJP), बिजनेस ट्रस्ट और इन्वेस्टमेंट फंड भर सकते हैं।
ITR-6
यह फॉर्म मुख्य रूप से कंपनियों को छाेड़कर दूसरी संस्थाओं के लिए होता है। यानी कह सकते हैं कि यह उस कंपनी के लिए होता है जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 11 से संबंधित छूट का दावा नहीं कर रही होती है। यहां बता दें कि धारा 11 का संबंध मुख्य रूप से उस प्रॉपर्टी से हुई आमदनी से है जिसका इस्तेमाल चैरिटेबल या धार्मिक उद्देश्य से किया जा रहा है।
ITR-7
वे लोग या कंपनियां जिनका कोई चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट है, राजनीतिक पार्टियां, रिसर्च से जुड़ी संस्थाएं, अस्पताल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, न्यूज एजेंसी आदि के लिए ITR-7 फॉर्म भरना होता है।