Wall Collapsed due to Heavy Rain: निर्माणाधीन मकान में बच्चे खेल रहे थे। अचानक दीवार ढह गई और मलबे के नीचे बच्चे दब गए। हादसे में 3 बच्चों की मौत हो गई है और 5 बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आइए जानते हैं कि नोएडा में हादसा कब-कहां और कैसे हुआ?
Noida House Wall Collapsed: ग्रेटर नोएडा में बीती रात भीषण हादसा हो गया। एक निर्माणाधीन मकान की दीवार ढहने से करीब 8 बच्चे मलबे के नीचे दब गए। बच्चों की चीख पुकार सुनकर लोगों में दहशत फैल गई। लोग मौके पर पहुंचे तो बच्चों की हालत देख उनका दिल दहल गया। आनन फानन में लोगों ने बच्चों को मलबे के नीचे से निकाला और अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने 3 बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
5 बच्चों का उपचार चल रहा है। हादसा गौतम बुद्ध नगर में सूरजपुर थाना क्षेत्र के तहत आने वाले गांव खोदना कला में हुआ। भारी बारिश के कारण दीवार ढही। हादसे के वक्त बच्चे खेल रहे थे कि खेलते-खेलते मौत के मुंह में चले गए। बच्चे एक ही परिवार के थे। वहीं बच्चों की अचानक मौत होने से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं हादसे का कारण बारिश के कारण निर्माणाधीन मकान की दीवार का भारी होना बताया जा रहा है।
2 बच्चे मामा के घर आए हुए थे छुट्टियों में
ADM सिटी अतुल कुमार ने हादसे की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हादसे में मरने वाले बच्चे एक ही परिवार के हैं। मृतकों में शामिल 2 बच्चे भाई-बहन थे, जो अपने मामा के घर गर्मी की छुट्टियों में आए हुए थे। मृतकों की शिनाख्त 4 साल के आहद, 8 साल के आदिल और 2 साल की अल्फिजा के रूप में हुई है। 16 साल की आयशा, 5 साल का हुसैन, 12 साल की सोहना, 11 साल का वासील, 15 साल का समीर घायल हुआ है।
नोएडा के ही लुहारली गांव में ब्याही गई शबनम बच्चों अहाद और अल्फिजा को लेकर मायके आई हुई थी, लेकिन हादसे में उसके दोनों बच्चों की जान चली गई थी। शबनम के पिता सागीर ही मकान बनवा रहे थे और इसी निर्माणाधीन मकान की दीवार गिरी है। घायल बच्चों को दादरी के नवीन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एंबुलेंस नहीं आई, रिक्शे में ले जाना पड़ा अस्पताल
प्रत्यक्षदर्शी रहीम के अनुसार, सुबह बहुत भारी बारिश हुई थी तो मजदूरों की छुट्टी कर दी गई थी। बच्चे खेल रहे थे, अचानक चीख पुकार मच गई। मौके पर जाकर देखा तो बच्चे ईंटों-मिट्टी के नीचे दबे चिल्ला रहे थे। उन्होंने लोगों के साथ मिलकर बच्चों को मलबे के नीचे से निकाला। किसी का सिर फूटा था, किसी की बाजू टूट गई थी। कुछ बच्चे बेहोशी की हालत में थे।
लोगों ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन आधे घंटे तक वह नहीं आई। फिर बच्चों को रिक्शा में अस्पताल ले जाना पड़ा। जब लोग बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचे तो पीछे से हादसास्थल पर एंबुलेंस पहुंची। इससे लोगों को आक्रोश का माहौल है। लोगों का कहना है कि जब भी जरूरत पड़ती है, सरकारी सुविधाएं नहीं मिलती। वैसे सरकार ढिंढोरा पिटती रहती है कि एक कॉल पर एंबुलेंस हाजिर हो जाएगी।