भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि 'यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता आ रहा है, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है।'
संयुक्त राष्ट्र के मंच से एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए उसकी असलियत दुनिया को दिखाई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए वैश्विक रूप से बदनाम है और वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस कर रहा है।
‘सीमापार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है पाकिस्तान’
भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘आज सुबह इस सभा में दुखद रूप से एक हास्यास्पद घटना घटी। आतंकवाद, नशीले पदार्थों, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक रूप से बदनाम और सेना द्वारा संचालित देश ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के संदर्भ के बारे में बात कर रही हूं। जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया है। यह सूची काफी लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है।’
भाविका मंगलनंदन ने कहा कि ‘धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी हैरान करने वाला है। असली सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर गंदी निगाह रखता है और वह भारत के अभिन्न अंग जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है। आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के परिणाम निश्चित रूप से भुगतने होंगे।’
पाकिस्तान का असहिष्णुता और डर के बारे में बोलना हास्यास्पद
भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि ‘यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता आ रहा है, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है। दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान वास्तव में क्या है। हम एक ऐसे देश की बात कर रहे हैं जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी। एक ऐसा देश जिसकी दुनिया भर में कई आतंकवादी घटनाओं में संलिप्तता है, जिसकी नीतियों की वजह से वह आतंकियों की पनाहगाह बना हुआ है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनके शब्द हम सभी के लिए कितने अस्वीकार्य हैं। हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई का मुकाबला और झूठ बोलकर करने की कोशिश करेगा। बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा। हमारा रुख स्पष्ट है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।’