भिवंडी: (दानिश आज़मी) मनपा संचालित उर्दू प्राथमिक विद्यालयों में तैनात सात दर्जन से अधिक शिक्षकों को राज्य के अन्य जिलों में स्थानांतरित करने की एक गुप्त प्रस्ताव मनपा प्रशासन ने एक बार फिर से कुछ शिक्षकों की सांठगांठ से तैयार किया है जिसके लीक होते ही शहर में हंगामा मचा हुआ है. जब कि इसी तरह वर्ष 2018 में शिक्षा बोर्ड ने गोपनीय तरीके से 105 शिक्षकों की सूची तैयार कर गैर कानूनी तरीके से जिला बदली का का खेल शुरू किया था , जो अब तक जारी है, जिस पर नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के काफी हंगामे के बाद मनपा प्रशासन द्वारा इसे रोक दिया गया था. लेकिन वर्ष 2018 से 2022 के बीच मनपा प्रशासन ने कुछ शिक्षकों से मिलीभगत कर लगभग 26 उर्दू प्राथमिक शिक्षकों का अवैध तरीके से चुपचाप स्थानांतरण कर दिया है. उर्दू शिक्षकों के अवैध जिला स्थानांतरण को लेकर काफी हंगामा हुआ, मगर एक बार फिर कुछ अधिकारियों से मिलकर कुछ शिक्षक ने जिला बदली का खेल शुरू कर दिया है। जिसमें शिक्षा विभाग मनपा के अधिकारियों के साथ कुछ उर्दू प्राथमिक शिक्षकों और सीआरसी की संलिप्तता की बात सामने आ रही है. वहीं एक शिक्षक और कथित सीआरसी ने जिला बादली के लिए उपायुक्त शिक्षण को पत्र लिखकर इसकी सिफारिश कर पूरे शहर को चौंका दिया है। इसे लेकर नागरिको खासकर उर्दू स्कूलों से जुड़े लोग काफी नाराज हैं और उक्त शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
मालुम हो कि पिछले कई वर्षों से लगातार समाचार पत्रों में मनपा के प्राथमिक विद्यालयों की खराब स्थिति, बुनियादी सुविधाओं की कमी, शिक्षा की गुणवत्ता और उर्दू प्राथमिक में तैनात शिक्षकों के भ्रष्टाचार पर ख़बर प्रकशित कर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं। वर्ष 2022 में नागपुर विधानसभा सत्र के दौरान शून्य काल (लक्ष्य भेदी) विधानसभा सत्र मार्च 2023 में भी यह मामला उठा था जिसपर राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने विधानसभा में स्वीकार किया कि मनपा के उर्दू प्राथमिक विद्यालयों में 40 शिक्षक कम हैं। शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने शिक्षकों की कमी दूर करने का आश्वासन दिया था. बता दें कि भिवंडी मनपा के उर्दू प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 17 हजार से अधिक है, इस अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति के बजाय प्रशासन और शिक्षा विभाग में नियुक्त क्लर्कों ने शहर के दलालों से सांठगांठ कर राज्य के दूसरे जिलों उर्दू शिक्षकों की अवैध जिला बदली करने के कार्य में संलिप्त हैं. मनपा सूत्रों से उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार, लगभग सात दर्जन उर्दू शिक्षक और 8 मराठी प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक शामिल है जिनकी जिला बदली का प्रस्ताव तैयार किया गया है हैं। दूसरी ओर, मनपा के प्राथमिक स्कुल में तैनात अबरार खान पठान नाम के एक शिक्षक ने प्रशासन को एक पत्र दिया है और पत्र में 100 शिक्षकों के तबादले से मनपा को होने वाले वित्तीय लाभ का उल्लेख किया है, जैसे वह शिक्षक नहीं हैं, मनपा के अकाउंट विभाग में तैनात क्लर्क हो, उसका यह पत्र दो दिन से सोशल मीडिया शहर भर में वायरल हो रहा है. इसे लेकर नागरिक काफी रोष व्याप्त है.
शिक्षण विभाग में तैनात प्रभारी प्रशासन अधिकारी यूएल संभारी ने भी फोन पर स्वीकार किया कि उनके पास उर्दू प्राथमिक शिक्षकों जिला बदली कराने वाले दौड़ रहे हैं मगर जब तक पवित्र पोर्टल से शिक्षक नहीं आ जायेंगे तब तक एक भी स्थानांतरण संभव नहीं है. वहीं इस संबंध में मनपा आयुक्त आयुक्त अजय वैद्य से संपर्क किया तो उन्होंने भी एक भी शिक्षक की जिला बदली करने से इंकार करते हुए कहा कि बच्चों का भविष्य उनके लिए सर्वोपरि है और किसी शिक्षक की इच्छा से उसका तबादला करना सम्भव नहीं है , जब तक शिक्षक नहीं आते हैं तब तक एक भी जिला बदली वह नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि उर्दू शिक्षक के वायरल पत्र की पूरी जांच कराकर उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।