जन्मस्थल निजामाबाद ननिहाल पन्दहाँ और पैतृक गांव कनैला में दो दिवसीय कार्यक्रम
आजमगढ़: महापंडित राहुल सांकृत्यायन हिंदी साहित्य की अद्वितीय विभूति हैं राहुलजी का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के पंदहा नामक गांव में हुआ था उनका बचपन का नाम केदारनाथ था बौद्ध धर्म में आस्था रखने के कारण उन्होंने अपना नाम बदल कर राहुल रख लिया था और फिर राहुल सांकृत्यायन नाम से विख्यात हुए रानी की सराय और निजामाबाद में अनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई बाद में उन्हों ने तिब्बत श्रीलंका रूस जापान चीन आदि देशों की यात्रा की और बौद्ध साहित्य का गहन अध्ययन किया।
आजमगढ़ में राहुल सांकृत्यायन से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा और विरासत के संवर्धन के लिए राहुल सांकृत्यायन की विरासत संवर्धन कार्यक्रम को आयोजन 11 और 12 दिसंबर को किया गया है जो सांकृत्यायन के जन्मस्थल पन्दहा और पैतृक गांव कनैला में होगा इस अवसर पर राहुल सांकृत्यायन स्मारक विकसित करने और उनके पैतृक गांव और उनके जीवन से जुड़े सभी स्थलों को चिन्हित कर उसे राहुल सांकृत्यायन की विरासत को आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा के लिए सुरक्षित-संरक्षित करने की कोशिश की जाएगी और इस अवसर पर सांकृत्यायन के प्रेरक उनके फौजी नाना और उनके गुरु महादेव पंडित और मौलवी गुलाम गौस और उनके बाल सखाओं भी को याद किया जाएगा।
देश के स्वतंत्रता संग्राम में 9 वर्ष जेल में बिताने वाले इस महान व्यक्तित्व को आज नई पीढ़ी से परिचित कराने की जरूरत है.