Meta Google Advertisements In Hindi : हर चुनाव चाहे विधानसभा हो लोकसभा दोनों में राजनीतिक पार्टियां ऑनलाइन विज्ञापनों पर जमकर पैसे लुटाती है। इस बार भी करोड़ों रुपये खर्च किए गए।
Meta Google Advertisements In Hindi : देश में राजनीतिक पार्टियां विज्ञापनों पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करती हैं। पांच राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के दौरान नवंबर महीने में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर राजनीतिक विज्ञापनों की भरमार थी। ये विज्ञापन फ्री में प्रकाशित नहीं होते हैं। इसके लिए संबंधित राजनीतिक दलों को पैसे देने पड़ते हैं। शीर्ष 20 राजनीतिक विज्ञापनदाताओं ने सिर्फ नवंबर महीने में ही ऑनलाइन विज्ञापनों पर 40 करोड़ रुपये से अधिक लुटा दिए हैं। राजनीतिक दलों ने सिर्फ फेसबुक या इंस्टाग्राम (मेटा) पर 5.98 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि गूगल के माध्यम से 36.31 करोड़ रुपये में 15,405 राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित हुए थे।
भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाइयों की ओर से मेटा प्लेटफॉर्मों पर डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से विज्ञापनों पर 2.58 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि कांग्रेस ने 2.24 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया। वहीं, गगूल विज्ञापनों पर कांग्रेस ने 14.3 करोड़ रुपये, बीआरएस ने 12.1 करोड़ रुपये और भाजपा ने 4.16 करोड़ रुपये खर्च किए गए। मेटा के तहत मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम सोशल आता है, जिसमें ऑनलाइन विज्ञापन प्रकाशित होता है।
गूगल विज्ञापनों पर 206.2 करोड़ रुपये खर्च
करीब 80 प्रतिशत धनराशि गूगल विज्ञापन पर खर्च की गई है। वीडियो विज्ञापनों पर 28.9 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि इमेज या तस्वीरों पर 20 प्रतिशत पैसे खर्च किए गए हैं। अगर गूगल विज्ञापनों की बात करें तो 20 फरवरी 2019 से लेकर अबतक 206.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इनमें बीजेपी 49.4 करोड़ रुपये, डीएमके ने 21.3 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 4.6 करोड़ रुपये लुटाए हैं।
चुनाव में जमकर पैसे लुटाती हैं पार्टियां
अगर टॉप 20 राजनीतिक दलों के मेटा पेजों पर प्रकाशित विज्ञापनों पर नजर डालें तो अलग-अलग आंकड़े नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने 1,263 विज्ञापनों पर कुल 2.05 करोड़ रुपये लुटाए हैं तो वहीं बीजेपी ने 3,122 विज्ञापनों पर 1.53 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह पहली बार नहीं है कि जब कोई राजनीति पार्टी विज्ञापन दे रही है, जबकि हर चुनाव चाहे विधानसभा हो लोकसभा दोनों में सभी पार्टियां ऑनलाइन विज्ञापनों पर जमकर पैसे लुटाती है।