विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद राजस्थान की राजनीति में चुनाव से पहले एक बड़ी हलचल हो गई है. कु्न्नर के निधन के बाद अब राजस्थान में 199 सीटों पर ही मतदान होंगे.
करणपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर की बुधवार सुबह निधन हो गया है. पूर्व में निर्दलीय जीत कर मंत्री बने थे कुन्नर ने गत 4 नवंबर को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था. पिछले दिनो उन्हें खराब स्वास्थ्य के चलते दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था.
गुरमीत सिंह के निधन पर सीएम अशोक गहलोत ने दुख व्यक्त किया है. सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, करणपुर से विधायक एवं पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन की सूचना से मुझे बेहद दुख है. कुन्नर लंबे समय तक अस्वस्थ होते हुए भी अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए हमेशा प्रयासरत रहते थे. कुन्नर साहब का निधन कांग्रेस पार्टी एवं राजस्थान की राजनीति के लिए अपूर्णीय क्षति है. मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की कामना करता हूं.
उधर, विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद राजस्थान की राजनीति में चुनाव से पहले एक बड़ी हलचल हो गई है. कु्न्नर के निधन के बाद अब राजस्थान में 199 सीटों पर ही मतदान होंगे. विधायक कुन्नर की मौत की वजह फेफड़ों में संक्रमण बताया जा रहा है. विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के पुत्र रूबी कुन्नर उनके पार्थिव शरीर को लेकर पैतृक गांव 25 बीबी पहुंचेंगे, जहां कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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दिल्ली के एम्स में चल रहा था उनका इलाज
रिपोर्ट के मुताबिक करणपुर के विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर पिछले कई समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था, जहां उनकी हालत नाजुक थी और वेटिंलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे. इस दुखद खबर ने उनके शुभचिंतकों में शोक की लहर फैल गई है, जो लगातर उनकी सलामती की दुआ कर रहे थे.
1998 में कांग्रेस के टिकट से पहली बार पहुंचे थे विधानसभा
गौरतलब है गुरमीत सिंह कुन्नर का जन्म श्रीगंगानगर जिले के पदमपुर कस्बे के नजदीक गांव 25 बीबी में हुआ. कक्षा 12 तक शिक्षित विधायक गुरमीत सिंह पहली बार 1998 में कांग्रेस के टिकट से जीतकर विधानसभा पहुंचे इसके बाद 2008 में निर्दलीय रूप में जीते और 2018 में एक बार फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते.
सरपंच पद से शुरू की थी जनीतिक जीवन की शुरुआत
गुरमीत सिंह कुन्नर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में सरपंच पद से शुरू की थी.1988 में वे पंचायत समिति पदमपुर के प्रधान बने और 1995 में उप जिला प्रमुख भी बने. इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें अपना एक बार फिर से प्रत्याशी बनाया था.
बेटे को चुनाव में उतरने की की थी घोषणा, लेकिन…
विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने पिछले दिनों अपने बेटे रूबी कुन्नर को चुनाव में उतरने की घोषणा की थी लेकिन लोगों की भारी मांग के चलते उन्होंने खुद चुनाव में आने का फैसला किया, लेकिन खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ नॉमिनेशन भर रहे हैं और यह चुनाव करणपुर की जनता लड़ रही है