Rajasthan CM Bhajan Lal Sharma Inside Story: राजस्थान में नये सीएम का ऐलान हो चुका है। आलाकमान की पसंद से भजनलाल शर्मा सीएम बनाए गये हैं। आइये जानते हैं कैसे एक जमीनी कार्यकर्ता राजस्थान में सीएम के पद तक पहुंचे।
Rajasthan CM Bhajan Lal Sharma Inside Story: राजस्थान में आखिरकार लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को सीएम का ऐलान हो गया। राजनाथ सिंह की अगुवाई वाले पर्यवेक्षक दल ने हाईकमान द्वारा प्रस्तावित भजनलाल शर्मा का नाम विधायक दल की बैठक में सबके सामने रखा। इसके बाद 15 मिनट बाद ही सीएम का नाम फाइनल कर दिया गया। आइये जानते हैं भजनलाल शर्मा के सीएम बनने की इनसाइड स्टोरी।
शुरू से लो प्रोफाइल रहे भजनलाल शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सरपंच के तौर पर की। इसके बाद वे पंचायत समिति के सदस्य भी बने। इसके बाद उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा लेकिन उनको टिकट नहीं मिला तो वे बागी बनकर चुनाव लड़े लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। इससे पहले वे पार्टी के जिलाध्यक्ष रह चुके थे। संघ के करीबी होने का भी उनको फायदा मिला। राजस्थान के वर्तमान प्रांत प्रचारक निंबाराम एक समय में भरपुर में सह प्रांत प्रचारक के पद पर थे। ऐसे में वे संघ के करीबी होते चले गए।
ये हैं सीएम बनने की इनसाइड स्टोरी
इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर आते रहते हैं। ऐसे में जब वे जिलाध्यक्ष थे तो उनसे जेपी नड्डा के अच्छे संबंध माने जाते हैं। हालांकि उस समय नड्डा पार्टी के अध्यक्ष नहीं थे। पीएम मोदी और शाह ने भजनलाल को सीएम बनाने की पटकथा सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के साथ ही लिख दी थी। सांगानेर सीट से भाजपा ने जयपुर के पूर्व मेयर और निवर्तमान विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को मैदान में उतार दिया।
सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। उधर वसुंधरा को सीएम नहीं बनाना है यह भी पहले से तय था। इसलिए पार्टी को किसी ऐसे चेहरे की तलाश थी जो वसुंधरा और संघ की नजर में सबसे सटीक हो। इससे पहले सीपी जोशी प्रदेशाध्यक्ष बने तो उन्होंने भजनलाल शर्मा को प्रदेश महामंत्री बनाया। उन्हें संघ और जोशी के करीबी होने के चलते ही सीएम का चेहरा बनाया गया है।
प्रदेश में 33 साल बाद ब्राह्मण सीएम
भाजपा ने भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर ब्राह्मण समाज को साधने की पूरी कोशिश की है। वैसे भी प्रदेश में 33 साल बाद कोई ब्राह्मण सीएम की कुर्सी तक पहुंचा है। वहीं राजपूतों की नाराजगी से बचने के लिए दीया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाया है। वहीं दलितों को साधने के लिए प्रेम चंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया है। भाजपा ने आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए सभी वर्गों को साधने की पूरी कोशिश की है। महिलाओं और राजपूतों को दीया कुमारी के जरिये, दलितों को प्रेमचंद बैरवा के जरिये साधने की कोशिश की है। वहीं ब्राह्मणों को साधने के लिए उन्होंने सीएम पद किसी ब्राह्मण चेहरे को सीएम बनाया है।