Sardar Patel death anniversary: सरदार पटेल की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम उनके जीवन से प्रेरणा लेते रहेंगे और समृद्ध भारत के उनके सपने को साकार करने की दिशा में निरंतर काम करते रहेंगे।
Sardar Patel death anniversary: भारत के लौह पुरुष, देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेताओं ने उन्हें याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरदार पटेल ने देश की आजादी और रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके लिए उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
हम उनके जीवन से प्रेरणा लेते रहेंगे- पीएम
सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन आज ही के दिन वर्ष 1950 में हुआ था। सरदार पटेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ ही आजाद भारत के पहले गृहमंत्री भी थे। आजादी की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था, इसीलिए उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। वहीं, आज उनकी पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि महान सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और देश की एकता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता ने आधुनिक भारत की नींव रखी। हम उनके जीवन से प्रेरणा लेते रहेंगे और समृद्ध भारत के उनके सपने को साकार करने की दिशा में निरंतर काम करते रहेंगे।
ओम बिरला ने दी श्रद्धांजलि
सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लिखा कि भारत रत्न से सम्मानित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि। एक भारत की भावना के साथ देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का उनका अथक प्रयास, राष्ट्र सर्वोपरि होकर प्रत्येक देशवासी के लिए सदैव एक उदाहरण बना रहेगा।
हमारे आदर्श को श्रद्धांजलि- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए X पर लिखा कि जब लोग एकजुट हो जाते हैं तो, क्रूर से क्रूर शासन भी उनके सामने नहीं टिक पाता, भारत के लौह पुरुष, देश के पहले उपप्रधानमंत्री, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और हमारे आदर्श को श्रद्धांजलि। सरदार पटेल जी का व्यक्तित्व और विचार आने वाली पीढ़ियों को देश की सेवा करने के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 500 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह स्वतंत्र भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी थे। 15 दिसंबर 1950 को मुंबई के बिड़ला हाउस में दिल का दौरा पड़ने से पटेल का निधन हुआ था। सरदार पटेल को वर्ष 1991 में मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।