डॉक्टरों ने पाया की बच्ची के फेफड़े में चॉकलेक का रैपर फंसा था। इसका पता तब चला जब ब्रोंकोस्कोपी की गई। बच्ची ने चॉकलेट के साथ उसका रैपर भी निगल लिया था।
Health News in Hindi: कहते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं। कई मामलों में डॉक्टर समय रहते कुछ ऐसा कर देते हैं जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली से आया है जहां डॉक्टरों ने 8 साल की एक बच्ची की जान बचा ली है। खास बात यह है कि इस बच्ची को कोई बीमारी नहीं थी बल्कि एक छोटी सी गलती हो गई थी। गलती छोटी थी, लेकिन इससे उसकी जान को खतरा था।
8 साल की इस बच्ची को पिछले दो हफ्ते से सूखी खांसी आ रही थी और बुखार रहता था। उसे निमोनिया होना बताया जा रहा था। डॉक्टर बीमारी का पता नहीं लगा पा रहे थे। इसके बाद सीटी स्कैन किया गया लेकिन उसमें भी कुछ पता नहीं चल पाया। परिवार के लोगों को लगा कि यह मौसमी फ्लू है, लेकिन काफी इलाज के बाद भी कुछ आराम नहीं हुआ।
फेफड़े में फंसा था चॉकलेट का रैपर
कई तरह की जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया की बच्ची के फेफड़े में चॉकलेट का रैपर फंसा था। इसका पता तब चला जब ब्रोंकोस्कोपी की गई। बच्ची ने चॉकलेट के साथ उसका रैपर भी निगल लिया था। इस वजह से उसके फेफड़ों के एक तरफ का हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद लंग्स से रैपर को निकाला गया और वह पूरी तरह से ठीक हो गई।
और देर होती तो बढ़ जाती दिक्कत
डॉक्टरों ने बताया कि ज्यादा समय तक बच्ची के शरीर में चॉकलेट का रैपर रहने से उसे इनफेक्शन हो गया था। अगर और देर होती तो लोबेक्टॉमी करनी पड़ती जिसमें संक्रमित फेफड़े के एक हिस्से को सर्जरी के माध्यम से हटाना पड़ता। बच्ची ने बताया कि वह लेटकर चॉकलेट खाती थी। उसे यह नहीं पता चला कि यह रैपर कब शरीर के अंदर चला गया। डॉक्टरों ने पैरेंट्स से अपील की है कि वे बच्चों का ध्यान रखें ताकि वे कोई ऐसी बाहरी चीन न खा लें जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़े।