मुंबई में एक ऐसा भी रिक्शावाला रहता है, जो अपने सपने को पूरा करने के लिए शेयर मार्केट में भी ट्रेडिंग करता है। उसने भी स्टॉक मार्केट से पैसा कमाना सीख लिया है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दूर-दूर से लोग आते हैं। कोई नौकरी की तलाश में तो कोई अपना सपना पूरा करने के लिए आता है। मुंबई नगरी भी लोगों की परीक्षा लेता है। कुछ लोग इस परीक्षा में फेल होकर वापस लौट जाते हैं तो कुछ पास होकर टिके रहते हैं। यहां उसी व्यक्ति का सपना पूरा होता है, जो मेहनती के साथ साथ धैर्यवान भी होता है। इस मायानगरी में ऐसा भी एक रिक्शावाला है, जो शेयर मार्केट में भी हाथ आजमा रहा है। आइये जानते हैं कि उसकी हैरान कर देने वाली कहानी।
मुंबई के पवई इलाके में रहने वाला विशाल एक ऑटो ड्राइवर है। विशाल को अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा करना है, इसलिए वह ऑटो चलाने के साथ-साथ शेयर बाजार में भी ट्रेडिंग करता है। कुछ घरेलू जिम्मेदारी की वजह से उसने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की है। उसके बाद वह नौकरी की तलाश में मुंबई चला आया। विशाल फिलहाल ऑटो चला रहा है, लेकिन इससे उसका सपना पूरा नहीं हो रहा था। इस पर वह अपनी दूसरी आय के लिए शेयर बाजार में भी कूद पड़ा।
दूसरे ऑटो चालक और पैसेंजर देखकर चौंक जाते हैं : विशाल
ऑटो ड्राइवर विशाल ने कहा कि उसने 12वीं के बाद बीए और एलएलबी एंट्रेंस एग्जाम भी दिया था, लेकिन उसे पढ़ाई समझ में नहीं आई। उन्होंने कहा कि मेरा सपना बहुत बड़ा है। ये सपना नौकरी और ऑटो चलाने से पूरा नहीं होगा, इसलिए मैं शेयर मार्केट में हाथ आजमा रहा हूं। मेरा शेयर बाजार में पैसा गया है तो आया भी है। यानी उसे शेयर बाजार में नुकसान और फायदा दोनों हुआ है। जब मैं शेयर बाजार में ट्रेडिंग करता हूं तो बाकी ऑटो ड्राइवर और पैसेंजर मुझे देखकर चौंक जाते हैं। उनका सिर्फ एक ही सवाल होता है कि जब आप ट्रेडिंग करते हैं तो ऑटो क्यों चलाते हैं। मैं इसका जवाब देता हूं कि मेरा शेयर बाजार सेकंड इनकम है।
शेयर मार्केट में ऐसे नजर रखता है विशाल
विशाल ने कहा कि ऑटो में बैठे कुछ पैसेंजर शेयर बाजार को लेकर राय भी देते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि लॉन्ग टर्म शेयर पर इन्वेस्ट करो तो कुछ कहते हैं कि बोनस देने वाले शेयरों को खरीदो। ऑटो ड्राइवर का कहना है कि मुझे इंग्लिश नहीं आती है। शेयर मॉकेट किस तरह से मूवमेंट कर रहा है उसी हिसाब से इन्वेस्ट करता हूं। शेयर के अप-डाउन पर नजर रखता हूं। मैं 20 हजार रुपये शेयर बाजार में लगाता हूं। मैं सिर्फ 5 प्रतिशत का रिस्क लेता हूं। मेरा फोकस रहता है कि शेयर मार्केट में हजार डेढ़ हजार से ज्यादा नुकसान न हो और इतना ही फायदा भी हो। हमें छोटे-छोटे प्रॉफिट और लॉस को बुक करना सीखना होगा। मैंने भी शेयर बाजार में यही सीखा है।