Truckers Protest Hit and Run Law New Rules: ट्रक ड्राइवर्स इस कानून को गलत बता रहे हैं और कह रहे हैं कि दुर्घटना के बाद अगर वे नहीं भागेंगे तो भीड़ उनपर हमला करेगी।
Truck-bus drivers in UP Bihar MP Maharashtra Chhattisgarh protest against Hit And Run Law: हिट एंड रन कानून को लेकर ट्रक ड्राइवर्स हड़ताल पर चले गए हैं और जमकर बवाल काट रहे हैं। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसकी वजह से पेट्रोल पंप पर लोगों की लंबी लाइनें दिखीं और उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अलग-अलग राज्यों से विरोधी स्वर उठने शुरू हो गए हैं। कहा जा रहा है कि यह विरोध प्रदर्शन किसी बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। कई जगहों पर चक्काजाम किए जाने की खबरें हैं। पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा है। इसपर ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर का भी बयान आया है।
पेट्रोल पंप पर लंबी लाइन
छत्तीसगढ़ में हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन की वजह से राजधानी रायपुर में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली। वहीं मध्य प्रदेश में भी हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन की वजह से राजधानी भोपाल में पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिली। एमपी के इंदौर शहर में भी ऐसा ही हाल रहा। वहीं महाराष्ट्र में भी इस कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन की वजह से नागपुर में पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। चालक दिल्ली, हरियाणा, बिहार और यूपी में हड़ताल और चक्काजाम कर रहे हैं।
क्या कहता है नया कानून
हिट एंड रन के नए कानून के मुताबिक अगर कोई ड्राइवर दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाता है और केस दर्ज नहीं कराता है तो उसे 10 साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है। ट्रक ड्राइवर्स इस कानून को गलत बता रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे तो उनको परेशानी होगी, क्योंकि एक्सीडेंट होने के बाद भागने पर सजा मिलेगी लेकिन अगर वे नहीं भागेंगे तो भीड़ उनपर हमला कर देगी।
ट्रक चालकों की मांग है कि नियमों में नरमी बरती जाए। बता दें कि पुराने कानून में सिर्फ 2 साल की सजा का प्रावधान था, जबकि नए कानून में नियम सख्त कर दिए गए हैं। ऐसा देखा गया है कि एक्सीडेंट के बाद चालक भाग जाते हैं जिससे घायलों को समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया जा पाता है और उनकी मौत हो जाती है। अगर समय रहते अस्पताल पहुंचाया जाए तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।