Blood Dispensing New Rules Released: खून बिकने के लिए नहीं है, यानी अब देश में खून बिकेगा नहीं। ऐसे मे अब खून नहीं मिलने के कारण किसी की जान नहीं जाएगी। अब खून के लिए अस्पताल और प्राइवेट ब्लड बैंक मोटी रकम नहीं वसूल पाएंगे, क्योंकि मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत ब्लड बैंक या अस्पताल अब खून देने के लिए सिर्फ प्रोसेसिंग फीस ले पाएंगे। इसके अलावा जो चार्ज वसूले जाते हैं, वे अब नहीं वसूले जाएंगे। सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी देश के सभी अस्पतालों और ब्लड बैंकों को जारी कर दी गई है। नए नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब 6 हजार नहीं, सिर्फ 1500 रुपये देने होंगे
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ड्रग्स कंसल्टेटिव कमेटी की 62वीं बैठक हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि अब खून बेचा नहीं जाएगा। अस्पताल और ब्लड बैंक खून के लिए सिर्फ केवल प्रोसेसिंग फीस लेंगे। वैसे अस्पताल और ब्लड बैंक करीब 2 से 6 हजार रुपये प्रति यूनिट वसूलते हैं। खून की कमी या रेयर ब्लड ग्रुप होने पर यह फीस ज्यादा होती है, लेकिन नए नियमों के अनुसार, केवल प्रोसेसिंग फीस ली जाएगी, जो 250 से 1550 रुपये के बीच है। प्लाज्मा और प्लेटलेट के लिए 400 रुपये प्रति पैक फीस ली जाएगी।
सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण क्यों?
ब्लड फीस को लेकर सरकार ने यह जो फैसला लिया है, वह मरीजों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। खासकर थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों के लिए संजीवनी है, जिन्हें साल में कई बार खून बदलवाना पड़ता है। हादसे का शिकार हुए लोगों और गंभीर बीमारियों की सर्जरी कराने वालों को भी कभी भी रक्त की जरूरत पड़ सकती है, ऐसे में खून आसानी से उपलब्ध हो जाने पर उनकी जान बचाना संभव हो जाएगा, क्योंकि हर बार रक्तदान काम आ जाए, ऐसा हमेशा संभव नहीं हो सकता।