Salt and Kidney Disease: खाने का बहुत जरूरी भाग होता है नमक। इसके बिना खाने में कोई मजा भी नहीं आता है, लेकिन नमक को लेकर जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए। अगर डेली ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं, तो ये शरीर को नुकसान करने लगता है। ज्यादा नमक आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और दिल के साथ-साथ किडनी की बीमारियों का न्यौता देने लगता है।
नमक और किडनी की बीमारी के बीच संबंध को समझना
उच्च नमक का सेवन लंबे समय से अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फेलियर और किडनी की बीमारी से जुड़ा हुआ है। हालांकि, अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (American Medical Association) के जर्नल में प्रकाशित एक हालिया स्टडी ने एक नई चिंता का खुलासा किया है, जिसमें खाने में नमक जोड़ने और क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) के खतरे के साथ-साथ इसका संबंध बताया है।
स्टडी क्या कहती है?
Tulane University में Epidemiology के प्रोफेसर Dr Lu Qi और उनकी टीम के नेतृत्व में स्टडी में यूके बायो बैंक के डेटा का यूज किया गया है। 2006 और 2010 के बीच हुई रिसर्च में 56 साल की एवरेज आयु वाले लोगों पर फोकस था, जिन्हें क्रोनिक किडनी डिजीज नहीं थी। नमक का सेवन और क्रोनिक किडनी रोग के बीच संबंध का पता लगाना था। अपनी स्टडी को पिछली रिसर्च से अलग करना था, जिसमें अक्सर कई सेहत से जुड़ी समस्याओं वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया था।
किडनी पेशेंट को कौन सा नमक खाना चाहिए, जानें इस Video में-
रिस्क फैक्टर
स्टडी के निष्कर्षों से खाने के समय नमक के सेवन और क्रोनिक किडनी रोग के बढ़ते जोखिम के बीच एक नई बात पता चली है, जिसे इस स्टडी को विशेष बनाया। जितनी ज्यादा बार लोग अपने भोजन में नमक जोड़ते हैं, उतनी ही बार क्रोनिक किडनी रोग होने का खतरा होता है। नमक उपयोग के आधार पर तीन समूहों में क्लासिफाइड किया गया था, जिन लोगों ने “हमेशा” नमक जोड़ने की सूचना दी, उनमें क्रोनिक किडनी रोग के खतरे में 29% बढ़ोतरी देखी गई।
नमक का सेवन और किडनी रोग का खतरा
जिन प्रतिभागियों ने “हमेशा” नमक का उपयोग करने की सूचना दी, उनमें क्रोनिक किडनी डिजीज विकसित होने का जोखिम उन लोगों के मुकाबले में 29% ज्यादा था, जिन्होंने “कभी नहीं या शायद ही कभी” नमक का उपयोग किया था। यह प्रतिशत “आम तौर पर” समूह के लिए घटकर 12% और “कभी-कभी” समूह के लिए 7% हो गया है। हाई ब्लड प्रेशर, संक्रामक रोग, उम्र और लिंग सहित अलग-अलग फैक्टर्स को कंट्रोल करने के बाद भी, “हमेशा” समूह ने अभी भी 6% का बढ़ा हुआ जोखिम दिखाया गया है। इसके अलावा नमक का सेवन अभी भी क्रोनिक किडनी रोग के जोखिम में योगदान देने वाले अन्य अनहेल्दी लाइफस्टाइल फैक्टर्स का संकेत हो सकता है।
क्या नमक किडनी रोग के मरीजों के लिए हानिकारक है? जानें इस Video में-
क्या नमक हानिकारक है?
सोडियम, नमक में प्रमुख मिनरल्स में से एक है। मांसपेशियों के सिकुड़न, फ्लूड रिटेंशन और नर्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, U.S. Food and Drug Administration एडल्ट्स के लिए रोजाना 2,300 mg से कम सोडियम का सेवन करने की सलाह देता है।
डाइट में नमक की मात्रा कैसे कम करें?
नमक का सेवन कम करने का मतलब ये नहीं है कि पूरी तरह खत्म करना। बल्कि, इसमें नमक के सोर्स के बारे में जानकारी और ऑप्शन देखना और हेल्दी डाइट की आदतें अपनाना शामिल है। ज्यादा प्लांट बेस्ड डाइट पर स्विच करके और फ्रेश डाइट का चयन करना चाहिए। सोडियम सामग्री के लिए फूड लेबल की जांच करना एक अच्छा कदम हो सकता है। रिसर्च दैनिक नमक की खपत को कम करने के महत्व को बताता है।