चुनाव आयोग ने NCP का नाम और निशान अजित पवार गुट को दे दिया। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इस फैसले का MVA पर कितना असर पड़ेगा। क्या शरद पवार की ताकत कम हो जाएगी?
Election Commission’s Decision Impact On Sharad Pawar MVA: चुनाव आयोग ने मंगलवार शाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार गुट को पार्टी के नाम और उसके चुनावी चिन्ह घड़ी का उपयोग करने की अनुमति दे दी। बीते साल पार्टी में हुई बगावत के बाद दोनों ही गुटों की ओर से पार्टी के चुनाव चिन्ह और नाम को लेकर दावा किया गया था। उसके बाद लगातार इस मामले में आयोग में सुनवाई चल रही थी। बीते छह महीनों में दोनों गुटों के बीच कानूनी विवाद में लगभग 10 सुनवाई की गई।
क्या बैकफुट पर आ जाएंगे शरद पवार?
चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब सवाल ये उठता है कि शरद पवार (Sharad Pawar) के हाथ से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह जाने के बाद राज्य की विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) पर इसका क्या असर पड़ेगा… साथ ही सवाल ये भी उठने लगा है कि क्या इस फैसले के बाद शरद पवार बैक फुट पर आ जाएंगे? महाविकास आघाड़ी में उनकी बारगेनिंग पावर कम हो जाएगी?
अजीत खेमे में जा सकते हैं शरद पवार गुट के विधायक
दरअसल, राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को 15 राज्यों में चुनाव होना है। महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव होना है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में शरद पवार खेमे से और विधायक अजित पवार खेमे में जा सकते हैं। इस समय अजित पवार को 41 विधायकों का समर्थन है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अजित गुट ने शरद पवार गुट के नेताओं से उनके खेमे ने शामिल होने की अपील की है।
अजित पवार ने चुनाव आयोग के फैसले का किया स्वागत
चुनाव आयोग के फैसले का अजित पवार गुट ने समर्थन किया है। अजित पवार ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया है, उसका मैं स्वागत करता हूं। पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है। हम बहुत खुश हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी फैसले का स्वागत किया और कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से यह फिर साबित हो गया कि लोकतंत्र में जिसके पास संख्या बल ज्यादा है, पार्टी और चुनाव चिन्ह का अधिकार उसी के पास होगा।
सुप्रीम कोर्ट जाएगा शरद पवार गुट
दूसरी तरफ, महाविकास आघाड़ी ने आयोग के फैसले की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि शरद पवार गुट इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। लड़ेगा और जीतेगा। शरद गुट के विधायक सुनील भुसारा ने कहा कि आयोग के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। शरद पवार की उपस्थिति में चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और सिंबल अजित गुट को दिया.. हम सुप्रीम कोर्ट में आगे की लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे…
चुनाव आयोग के फैसले का शरद पवार पर क्या असर पड़ेगा?
चुनाव आयोग के फैसले का शरद पवार के एनसीपी और महाविकास आघाड़ी के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा, इस सवाल का जवाब देते हुए राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि ये सच बात है कि शरद पवार ने अपने राजनीतिक जीवन में 5 बार चुनाव चिन्ह बदले हैं और इससे निपटते रहे हैं, लेकिन अब पवार के पास जो सबसे बड़ी समस्या है, वह उनका स्वास्थ्य है… लगभग सभी लोग शरद पवार को छोड़कर चले गए हैं। ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि शरद पवार अब कितनी लंबी लड़ाई लड़ सकेंगे?जहां तक महाविकास आघाड़ी की बात है… शरद पवार को अगर सीटें भी दे दी गई तो उनके पास कोई उम्मीदवार नहीं बचा है।
शरद पवार के सामने हैं बड़ी चुनौतियां
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि शरद पवार के बारे में कहा जाता है कि वो आज भी इतनी ताकत रखते हैं कि अंतिम समय तक पूरा खेल पलट सकते हैं। 2019 में महाराष्ट्र की जनता वो देख चुकी है। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि पार्टी में बगावत के बाद शरद पवार को महाराष्ट्र की जनता से सहानुभूति भी मिल सकती है.. लेकिन कितनी सहानुभूति मिलती है, यह देखना होगा? दूसरी और इंडिया गठबंधन भी टूट चुका है। पार्टी में सभी लोग साथ छोड़ कर चले गए। ऐसे में आने वाले समय में शरद पवार के सामने चुनौतियां बड़ी हैं। निश्चित तौर पर फैसले का असर शरद पवार के साथ-साथ महाविकास आघाड़ी पर भी पड़ेगा।