RBI Planning To Use E-Rupee In Offline Mode: भारत की डिजिटल करेंसी ई-रुपये को लेकर आरबीआई की बड़ी तैयारी है। केंद्रीय बैंक इसे ऑफलाइन मोड में लाने पर काम कर रहा है।
RBI Planning To Use E-Rupee In Offline Mode : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ई-रुपये से ऑफलाइन लेन-देन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की तीन दिन चली बैठक के समापन के बाद यह ऐलान किया था। इस रिपोर्ट में जानिए कि ई-रुपया क्या है और आरबीईआई ऑफलाइन मोड में इसे लाने की तैयारी किस तरह से कर रही है।
क्या होता है ई-रुपया
ई-रुपया या फिर डिजिटल रुपया आरबीआई की आधिकारिक डिजिटल करेंसी है। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार ई-रुपये की वैल्यू आम भारतीय करेंसी के बराबर ही है। इस तरह से यह रुपया ही है बस अंतर केवल इतना है कि यह डिजिटल रूप में है। हालांकि, नकद की तरह ई-रुपये पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। बता दें कि ई-रुपये को भी कैश की तरह ही करेंसी के अन्य स्वरूपों जैसे बैंक डिपॉजिट्स आदि में बदला जा सकता है।
ऑफलाइन मोड कैसे
रिटेल ई-रुपये के लिए आरबीआई ने दिसंबर 2022 में एक पायलट प्रोग्राम की शुरुआत की थी। इसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचएसबीसी समेत कई बैंक शामिल हुए थे। बता दें कि इस पायलट प्रोग्राम को मुंबई, राजधानी नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया था।इस प्रोग्राम के तहत एक दिन में 10 लाख लेनदेन का टारगेट रखा गया था जिसे आरबीआई ने दिसंबर 2023 में हासिल कर लिया था। अब इस पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर आरबीआई ऑफलाइन मोड शुरू करने की योजना बना रहा है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस तैयारी को लेकर बताया है कि ई-रुपये को इस तरह के इलाकों में ऑफलाइन मोड में लाने का प्रस्ताव रखा गया है जहां पर इंटरनेट कनेक्टिविटी काफी सीमित है।
विभिन्न इलाकों में होगा टेस्ट
दास ने कहा कि इसके लिए पहाड़ी, शहरी और ग्रामीण इलाकों में ऑफलाइन समाधानों की जांच की जाएगी। इसमें प्रॉक्सिमिटी और नॉन प्रॉक्सिमिटी आधारित समाधान भी शामिल होंगे। वर्तमान व्यवस्था के तहत बैंक की ओर से दिए गए डिजिटल रुपये के वॉलेट से पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेंट लेनदेन किए जा सकते हैं। गवर्नर ने कहा कि अब ऑफलाइन मोड लाकर इसके अतिरिक्त उपयोग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिया गया है।