Paytm Denied Any FDI From China: हाल ही में ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं जिनमें कहा गया है कि केंद्र सरकार इसकी जांच कर रही है कि पेटीएम को क्या चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला था।
Paytm Denied Any FDI From China In Paytm Payments Bank : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक्शन का सामना कर रही पेटीएम की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। हाल ही में ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि केंद्र सरकार इस बात की जांच कर रही है कि क्या पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (पीएसएसएल) में चीन से कोई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ था। हालांकि, ऐसी रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद अब पेटीएम ने दावा किया है कि चीन से कोई बड़ा एफडीआई नहीं आया था।
पेटीएम के प्रवक्ता ने चीन के साथ कोई कनेक्शन होने से साफ इनकार किया है और कहा है कि इस वजह से कंपनी की जांच नहीं की जा रही है। प्रवक्ता ने कहा कि पीएसएसएल ने ऑनलाइन मर्चेंट्स के लिए ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर एप्लिकेशन के लिए आवेदन किया था। इसे लेकर नियामक ने डाउनवर्ड निवेश के लिए जरूरी अनुमति लेने और आवेदन फिर से जमा करने के लिए कहा था। प्रवक्ता ने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है। पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले हर व्यक्ति को एफडीआई अप्रूवल पाना होता है।
चीन से निवेश की बात गलत और भ्रामक
प्रवक्ता ने आगे कहा कि पीपीएसएल ने संबंधित दिशानिर्देशों का पालन किया है और सभी संबंधित दस्तावेज निर्धारित समय के अंदर नियामक के पास जमा किए थे। पेंडिंग प्रोसेस के दौरान पीपीएसएल को नए मर्चेंट जोड़ने के अलावा अपने पार्टनर्स के लिए ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर बिजनेस को जारी रखने की अनुमति दी गई थी। चीन से एफडीआई आने की बात कहना पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। प्रवक्ता ने बताया कि मालिकाना ढांचे में बदलाव के बाद पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा कंपनी के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर हैं।
क्या कहती है ‘चीनी कनेक्शन’ की रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2020 में पीपीएसएल ने पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए रिजर्व बैंक के पास लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। लेकिन नवंबर 2022 में आरबीआई ने पीपीएसएल का आवेदन खारिज कर दिया था और कहा था कि इसे फिर से जमा करें। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा इसलिए किया गया था ताकि आवेदन एफडीआई नियमों के तहत प्रेस नोट 3 अनुपालन में रहे। इसमें यह भी कहा गया है कि पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड को चीन की फर्म आंट ग्रुप से निवेश मिला था।