धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक है. यह बात हर कोई जानता है लेकिन फिर भारी संख्या में लोग सिगरेट पीते हैं. आइये जानते हैं कि एक सिगरेट पीने से शरीर पर कैसा और कितना असर पड़ता है.
Smoking Effects: हर कोई जानता है कि धूम्रपान करन कितना खतरनाक है, फिर भी लोग इसे करते हैं. युवाओं में भी यह खतरनाक आदत तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि उन्हें यह कूल बनने का एक आसान तरीका नजर आता है. इस बात से अनजान कि स्मोकिंग उनके लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है. बहुत कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि निकोटीन के साथ-साथ सिगरेट के धुएं में लगभग 7,000 अन्य केमिकल शामिल हैं. इनमें से कुछ केमिकल तम्बाकू की पत्ती जलाने से आते हैं, तो कुछ कम्पाउंड केमिकल के रूप में एक्टिव रहते हैं, जो शरीर में गहरे और हानिकारक बदलाव करते हैं. इतना ही नहीं इसके धुएं में 70 से अधिक कैंसर पैदा करने वाले केमिकल्स होते हैं. कुछ लोगों को लगता है कि स्मोकिंग से केवल फेफड़ खराब होते हैं, जबकि यह शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाता है. आइये जानते हैं शरीर पर इसके दुष्प्रभाव.
सिगरेट पीने से शरीर पर क्या असर पड़ता है?
तम्बाकू का धुआं सूंघने से शरीर के कई अंगों और प्रणालियों को नुकसान पहुंचता है.
रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है.
सर्कुलेटरी सिस्टम के लिए हानिकारक है.
इम्युनिटी सिस्टम कमजोर करता है.
मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम खराब करता है.
यौन अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाले.
शरीर पर धूम्रपान के दुष्प्रभाव.
सिगरेट का लंग्स पर असर
1. अधिक बलगम और संक्रमण जब आप धूम्रपान करते हैं, तो इससे फेफड़ों और ऑक्सीजन पास होने वाली नली में ऐसी सेल्स की संख्या और आकार बढ़ती है, जो बलगम की मात्रा बढ़ाती है और गाढ़ी भी होती है. फेफड़े इस एक्स्ट्रा बलगम को प्रभावी ढंग से साफ़ नहीं कर सकते, जिससे ये सांस लेने वाली नली में धीरे-धीरे जमने लगते हैं और दिनभर आपको खांसी कराता है.
2. स्मोकिंग की वजह से फेफड़े तेजी से बूढ़े होने लगते हैं और इंफेक्शन से इम्युनिटी सिस्टम भी कमजोर होती जाती है.
3. सिगरेट से फेफड़ों में सूजन और जलन होती है. एक या दो सिगरेट से भी जलन और खांसी होने लगती है.
4. स्मोकिंग फेफड़ों और उनके टिशूज को भी नष्ट कर सकता है. जिसके चलते शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों तक कम ऑक्सीजन पहुंचता है.
5. फेफड़े झाड़ू जैसे बालों से ढके होते हैं जिन्हें सिलिया कहा जाता है, जो फेफड़ों को साफ करते हैं. सिगरेट सुलगाने के कुछ सेकंड बाद, सिलिया की गति धीमी हो जाती है. इतना ही नहीं सिर्फ 6. एक सिगरेट पीने से सिलिया की क्रिया कई घंटों तक धीमी हो सकती है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चेन स्मोकर्स के लिए कितनी खतरनाक स्थिती बनती होगी. इससे फेफड़ों में सिलिया की संख्या कम होनी शुरू हो जाती है, जिससे उन्हें ठीक से साफ करने के लिए कम समय बचता है.