Raj Thackeray Meeting With Minister Amit Shah: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच महाराष्ट्र में एक बड़ा ‘खेल’ होने जा रहा है। पिछले काफी समय से सक्रिय राजनीति से दूर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) अचानक से मुखर हो गए हैं। इतना ही नहीं वे बीती रात बेटे अमित ठाकरे
Raj Thackeray Meeting With Minister Amit Shah: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच महाराष्ट्र में एक बड़ा ‘खेल’ होने जा रहा है। पिछले काफी समय से सक्रिय राजनीति से दूर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) अचानक से मुखर हो गए हैं। इतना ही नहीं वे बीती रात बेटे अमित ठाकरे के साथ अचानक दिल्ली पहुंच गए। वहां देररात उन्होंने पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात की।
इसके बाद आज सुबह विनोद तावड़े के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए गए। महाराष्ट्र में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पहले से दिल्ली पहुंचे हुए हैं। ऐसे में चर्चा है कि राज ठाकरे NDA-शिवसेना-राकांपा गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज ठाकरे ने गठबंधन में 2 सीटों की डिमांड की है।
साउथ मुंबई की सीट मिलने के आसार
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर राज ठाकरे गठबंधन में शामिल होते हैं तो उन्हें साउथ मुंबई की सीट मिल सकती है। वहीं अगर मनसे को सीट मिली तो पार्टी के दिग्गज नेता और शिवडी विधासनभा से MLA रह चुके बाल नदगांवकर को चुनावी रण में उतारा जा सकता है। नदगांवकर 2009 और 2014 में साउथ मुंबई से ही लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार फिर किस्मत आजमा सकते हैं, लेकिन देखना यह होगा कि क्या एकनाथ शिंदे गुट साउथ मुंबई की सीट छोड़ेगा?
शिवसेना UBT पर करारी चोट होगी
सियासी चर्चाओं का बाजार इसलिए भी गरम हैं कि राज ठाकरे का महागठबंधन में शामिल होना शिवसेना UBT पर बड़ी चोट होगा, जबकि शिवसेना पहले से ही बंटवारे का दर्द झेल रही है। ऐसे में एक बार फिर उद्धव अपनों से चोट खा सकते हैं। भाजपा भी बची खुची शिवसेना में सेंध लगाने के लिए राज ठाकरे को मोहरा बना सकती है।
राज ठाकरे से NDA को यह फायदे होंगे
- मराठी वोट बैंक और मजबूत कैंडिडेट मिलेगा।
- राज ठाकरे महाविकास अघाड़ी के खिलाफ प्रचार करेंगे।
- उद्धव ठाकरे गुट के मजबूत खेमों में सेंध लगेगी।
- महाराष्ट्र के हिंदुत्ववादी वोटों का विभाजन नहीं होगा।
- राज ठाकरे की भाषण देने की तेजतर्रार शैली का फायदा होगा।
- राज ठाकरे का प्रभाव शिवसेना UBT की स्थिति को कमजोर करेगा।