Aum Shinrikyo Dangerous Japanese Saint: दुनिया के सबसे खतरनाक धार्मिक गुरु की खौफनाक कहानी सुनेंगे तो रौंगटे खड़े हो जाएंगे। धर्म के नाम पर इस शख्स ने आज ही के दिन वो नरसंहार किया था, जिसे देखकर दुनिया हिल गई थी। इस नरसंहार के लिए उसे मौत की सजा सुनाई गई। जेल में भी उसके खतरनाक इरादे देखकर पुलिस वाले चौंक गए थे।
Aum Shinrikyo Dangerous Japanese Saint Story: सेक्रेड गेम्स तो देखी ही होगी, आज हम आपको सुनाते हैं उस शख्स की कहानी, जिसे सेक्रेड गेम्स (Secred Games) का ‘असली’ गुरुजी कहा जा सकता है। जी हां, यह दुनिया का सबसे खतरनाक ‘गुरु’ है, जो खुद को बुद्ध, शिवजी और ईसा मसीह का अवतार मानता था। दुनिया की सबसे खतरनाक कल्ट (Cult) का लीडर था। वह कहता था कि दुनिया का अंत नजदीक है और जो उसके साथ रहेगा, सिर्फ वहीं बचेगा।
जो उसके हाथों से मरेगा, वह सीधे स्वर्ग में जाएगा। उसने अपनी इस थ्योरी का प्रैक्टिकल भी करके दिखाया था और इस प्रैक्टिकल को देखकर दुनिया हिल गई थी। इस शख्स का नाम है शोको असाहरा, जो Aum Shinrikyo नामक धार्मिंक संप्रदाय का ‘गुरु’ था। वह बचपन ही दोनों आंखों से देख नहीं सकता था, लेकिन इस शख्स ने 20 मार्च 1995 को उसने वो नरसंहार किया था, जिसकी कहानी सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए। इसके लिए उसे 6 जुलाई 2018 को फांसी पर लटका दिया गया था।
क्या हुआ था जापान के टोक्यो में?
20 मार्च 1995 का वो काला दिन, जापान के इतिहास की सबसे भयावह घटना हुई थी। मेट्रो ट्रेन, जिसे जापान में सबवे कहा जाता है, के अंदर वह जहरीली गैस सरीन छोड़ दी गई थी, जो इतनी खतरनाक है कि स्किन से टच कर जाए तो इंसान चुटकियों में मर जाए। 14 लोग मारे गए थे और करीब 5 हजार लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। यह हमला Aum Shinrikyo संगठन ने कराया था, जिसने हमले की जिम्मेदारी भी ली थी। प्लान 10 लाख लोगों को मारने का था, लेकिन उसका प्लान फेल हो गया।
शोको असाहरा ने जहरीली गैस से भरे बैगों में छेद करके ट्रेन के अंदर फेंकवा दिया था। गैस का असर होते ही लोगों की आंखों में जलन हुई। उनका दम घुटने लगा और देखते ही देखते ट्रेन में सफर कर रहे लोग जमीन पर धाराशायी हो गए, लेकिन किस्मत से समय रहते उन्हें बचा लिया गया। जान बचने के बावजूद कुछ लोग अंधे हो गए। कुछ लोगों को लकवा मार गया। पुलिस ने Aum Shinrikyo समेत 13 आरोपियों को फांसी की सज़ा सुनाई। कुछ आरोपी आज भी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
आज भी दुनियाभर में संप्रदाय के करोड़ों अनुयायी
शोको असाहारा का असली नाम चिज़ुओ मात्सुमोतो था। वह एक योग टीचर था, लेकिन बचपन में ही उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी। 1980 में उसने हिंदू और बौद्ध मान्यताओं को आधार बनाकर Aum Shinrikyo नामक धार्मिक संप्रदाय की शुरुआत की और खुद को भगवान का अवतार कहना शुरू कर दिया। अचानक उसने ईसाई धर्म को भी अपनी विचारधरा में शामिल कर लिया। Aum Shinrikyo का मतलब है- सर्वोच्च सत्य और शोको असाहरा को लिए सच यह था कि दुनिया में प्रलय आने वाली है और उसके संप्रदाय से जुड़े लोग ही जिंदा बचेंगे।
शोको असाहारा ने ख़ुद को ईसा मसीह और गौतम बुद्ध के बाद दूसरा गौतम बुद्ध घोषित कर दिया था। 1989 में उसके संप्रदाय को जापान सरकार से मान्यता भी मिल गई थी, लेकिन धर्म के नाम पर असाहरा ने ऐसे कांड किए कि अमेरीका समेत कई देश इस धार्मिक संगठन को आतंकवादी संगठन मानते हैं। इसे सबसे ‘ख़तरनाक धर्म’ की कैटेगरी में रखा गया है। आज भी जापान समेत दुनियाभर के कई देशों में इस संप्रदाय के अनुयायी हैं, खासकर रूस और उसके आस-पास के देशों में।