Bhawna Kesar Judge: जम्मू कश्मीर के राजौरी में भावना शर्मा ने सालों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नौशहरा से ताल्लुक रखने वाली भावना जिले की पहली महिला जज बन गईं हैं। भावना के पिता की नौशहरा बाजार में दर्जी की दुकान है।
Bhawna Kesar Judge: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती…ऐसी ही कुछ कहानी है जम्मू-कश्मीर की रहने वाली भावना केसर की, जिन्होंने जज की परीक्षा पास करके पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। भावना का ताल्लुक नौशहरा जिले से हैं, जहां से अक्सर आतंकी हमलों की खबरें सामने आती हैं। मगर तमाम मुश्किलों के बावजूद भावना ने न्यायिक सेवा परीक्षा पास करके इतिहास रच दिया है।
पिता की है दर्जी की दुकान
राजौरी में स्थित नौशहरा की रहने वाली भावना केसर एक मध्य वर्ग परिवार से आती हैं। भावना केसर के पिता की नौशहरा बाजार में एक छोटी सी दर्जी की दुकान है, जबकि भावना की मां गृहणी हैं। भावना केसर ने 12वीं तक की शिक्षा टीएमपी स्कूल नौशहरा से ही हासिल की, जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए भावना चंडीगढ़ चली गई। भावना ने पीएचडी की डिग्री हासिल की और फिर हाईकोर्ट में प्रूफरीडर के पद पर नियुक्त हो गईं। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग ने न्यायिक सेवा परीक्षा सिविल (जज जूनियर डिवीजन) आयोजित की, जिसमें भावना ने बाजी मार ली।
परिवार को दिया श्रेय
नौशहरा की पहली महिला जज बनने वाली भावना केसर का कहना है कि, आज मुझे बेहद की खुशी हो रही है जो सपना मेरे माता-पिता और मैंने मिल कर देखा था वो सपना आज साकार हुआ है। मेरी सफलता के पीछे मेरे परिवार वालों का भरपूर सहयोग रहा। उन्होंने मुझे कभी भी पढ़ाई को लेकर पीछे नहीं रहने दिया है। मुझे अपने माता-पिता पर भी गर्व है कि मैं इस परिवार में पैदा हुई, जिन्होंने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया और मुझे आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया।उन्ही के सहयोग से आज में इस मुकाम तक पहुंची हूं। लोगों को मेरा यही संदेश है कि अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दें और उनका सहयोग करें एक सीमित दायरे में रहकर अच्छी शिक्षा ले और अपने माता-पिता अपने परिवार का गांव का नाम रोशन करे।
जज की परीक्षा पास करने पर भावना केसर ने कहा कि, उन्हें इस बात ही बहुत खुशी है कि वो नौशहरा से पहली जज बनीं हैं। मगर इस बात का दुख भी है कि ये काम काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। ये बहुत दुख की बात है कि नौशहरा से आजतक कोई लड़की जज नहीं बन पाई थी। भावना केसर के पिता नरेश कुमार का कहना है कि, भावना ने वो कर दिखाया है जिससे ना सिर्फ परिवार को बल्कि पूरे नौशहरा को बेटी पर गर्व है।