Online Fraud : रोजाना न जाने कितने लोग ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं, हाल ही में पुणे से भी एक मामला सामने आया है जहां शख्स Gas Bill का भुगतान कर रहा था और उसके अकाउंट से 16 लाख रुपये उड़ गए। आइए जानें कैसे
Online Fraud: दुनियाभर में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ते रहे हैं, एक छोटी सी गलती और फ्रॉड करने वाले लोगों के अकाउंट से लाखों रुपए उड़ा रहे हैं। हालिया मामला पुणे से सामने आया है जहां एक 66 वर्षीय शख्स Gas Bill का भुगतान कर रहा था। जिसके बाद उसके खाते से 16 लाख रुपये उड़ गए। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और आप ऐसे फ्रॉड से कैसे बच सकते हैं।
514 रुपये का था Gas Bill बिल
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 27 मार्च को धोखाधड़ी करने वाले एक शख्स ने मोबाइल फोन के जरिए पीड़ित से कांटेक्ट किया और उसे 514 रुपये का Gas Bill बिल भरने के लिए कहने लगा। घोटालेबाज ने पीड़ित पर बिल को फटाफट भरने के लिए दबाव डाला। जिसके बाद धोखाधड़ी करने वाले शख्स ने पीड़ित को एक लिंक भेजा। घोटालेबाज ने शख्स को बताया कि कैसे वह बिल को आसानी से भर सकता है। इसके बाद पीड़ित ने पेमेंट के लिए अनजाने में अपने डेबिट कार्ड का यूज किया।
उड़े 16 लाख रुपये
जैसे ही पीड़ित ने डेबिट कार्ड डिटेल्स डाले इसके कुछ देर बाद पीड़ित को अपने बैंक अकाउंट से 49,850 रुपये कटने का एक मैसेज आया। जब वह व्यक्ति दोबारा चेक करने के लिए अपने बैंक पहुंचा, तो उसे पता चला की घोटालेबाज ने उसके खाते से 16,22,310 रुपये उड़ा लिए हैं। पीड़ित ने बाद में अधिकारियों के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई।
शिकायत के जवाब में, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अरविंद माने मामले की जांच कर रहे हैं। मामला धोखाधड़ी से संबंधित आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत और आईटी एक्ट के प्रोविशंस के अकॉर्डिंग दर्ज किया गया है।
फेक लिंक की कैसे करें पहचान?
जब आप किसी लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उससे पहले उसका URL अच्छे से देखें। अक्सर ऐसा देखा गया है कि फेक लिंक के URL में गलतियां होती हैं, जैसे गलत Characters का यूज या Unknown डोमेन। इसके बाद भी अगर आपको लग रहा है कि लिंक फर्जी है तो आप WHOIS टूल्स का यूज करके डोमेन अथॉरिटी की जांच कर सकते हैं। किसी भी लिंक को खोलने से पहले, वेबसाइट को गूगल पर जाकर चेक करें कि क्या यह सर्टिफाइड और वेरीफाइड है। इस तरह आप ऐसे स्कैम से बच सकते हैं।