Dubai Havoc Flood: दुबई में बारिश का कहर अरबों डॉलर का नुकसान कर गया। चकाचौंध वाले इस शहर को साफ करने में कई बिलियन डॉलर का खर्चा आ सकता है। मूसलाधार बारिश ने हर ओर तबाही मचाई है। जिसके कारण लोगों के घर और सड़कें डूब चुकी हैं। व्यवसाय ठप हो चुका है। लोगों को कई दिन तक दिक्कतों का सामना करना होगा।
Dubai Flood Live Update: दुबई में आया जलप्रलय अरबों डॉलर का नुकसान कर गया। विनाशकारी बारिश ने कुछ नहीं छोड़ा। मंगलवार को भारी बारिश ने चकाचौंध के लिए मशहूर शहर में खूब कहर ढाया। मूसलाधार बारिश के कारण शहर का हवाई अड्डा, सड़कें, लोगों के घर और व्यवसायिक संस्थान पानी में डूब गए। माना जा रहा है कि अगले कई सप्ताह तक स्थिति में सुधार होगा। दुबई में सालभर की बारिश एक ही दिन होने से हालात बिगड़े हैं। सफाई लगातार होने के बाद असर अगले कुछ दिन में दिखेगा। लोग 100 घंटे की बाधा के बाद अपना काम फिर शुरू करना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक सफाई पर लगभग एक बिलियन डॉलर का खर्चा आ सकता है। दुबई को करोड़पतियों के खेल का मैदान भी कहा जाता है। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन नाहयान ने अधिकारियों को तेजी से नुकसान का आकलन करने के आदेश दिए हैं। बहुत से लोगों की कारें, घर और व्यावसायिक संस्थानों को गहरी क्षति पहुंची है। राष्ट्रपति ने कहा है कि लोगों को जल्द दिक्कतों से छुटकारा दिलाया जाएगा।
कर्मचारियों को तेजी से काम करने के आदेश
प्रशासन को तेजी से काम करना होगा। हो सकता है कि दुबई में शासन कुछ प्रमुख शहरों को बाढ़ से बचाने के लिए खर्च पर भी मंथन करे। भविष्य में कभी भी स्थिति फिर ऐसी न बने, इसके लिए प्रोजेक्ट लाया जा सकता है। दुबई के धनकुबेर भूकंपीय परेशानी होने की स्थिति में पहले से ही एकजुट होकर काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने माना है कि दुबई में असामान्य बारिश से जो तबाही हुई है, उससे निपटने के लिए कई कारकों पर विचार करने की जरूरत है। इन कारकों में व्यापारिक परेशानियां, बुनियादी ढांचे की मरम्मत और व्यक्तिगत नुकसान शामिल हैं।
स्कूल बंद, कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम
पहले भी कई देशों में ऐसी आपदाओं से अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। सही नुकसान का तो आकलन से पता लगेगा, लेकिन बाढ ने कम नुकसान किया है, यह बिल्कुल नहीं है। तबाही आकलन से भी कहीं अधिक हो सकती है। सफाई पर अरबों डॉलर लग सकते हैं। 4.2 मिलियन डॉलर से भी अधिक नुकसान हो सकता है। अभी कर्मियों को हालात नहीं सुधरने तक घर से काम करने को कहा गया है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है।