Calcutta High Court not cancelled Soma Das Appointment: पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में 25757 शिक्षकों की नौकरी दी थी। इन शिक्षकों की नियुक्ति सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए की गई थी। लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनियमितताओं के चलते इस भर्ती को निरस्त कर दिया।
Why Calcutta High Court not cancelled Soma Das Appointment: कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में 2016 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने यह फैसला इस परीक्षा में हुए घोटाले कारण लिया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 2016 में एसएससी के तहत हुई हर भर्ती अमान्य है और इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद बंगाल 25757 टीचर्स की नौकरी चली गई। इस बीच हाईकोर्ट ने एक महिला की नौकरी बरकरार रखी है। इस महिला टीचर का नाम सोमादास है। कोर्ट ने उनकी भर्ती प्रकिया को सही बताया। बता दें कि सोमादास कैंसर की मरीज हैं। कोर्ट ने उनकी भर्ती प्रक्रिया को सही मानते हुए उनकी नियुक्ति को वैध ठहराया।
वहीं भर्ती रद्द होने के बाद ममता सरकार हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। सीएम ममता बनर्जी ने रायगंज में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय भाजपा द्वारा प्रभावित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट का यह फैसला अवैध है। हम उन लोगों के साथ हैं जिनकी नौकरियां चली गई। हम आपको न्याय दिलाने के लिए सर्वोच्च अदालत जाएंगे। ममता ने कहा कि चुनावों के बीच हाईकोर्ट का यह आदेश भाजपा के निर्देशों के अनुसार दिया गया है। सीएम ने कहा कि भाजपा ने कलकता हाईकोर्ट को अपनी पार्टी के विस्तारित कार्यालयों में बदल दिया है।
भाजपा के न्यायाधीशों से रिश्ते जगजाहिर
सीएम यहीं नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि भाजपा कोई भी जनहित याचिका दायर करती हैं तो तुरंत कार्रवाई की जाती है लेकिन अन्य लोग याचिका दायर करते हैं तो कोई कार्रवाई नहीं की जाती और लोगों को जेल भी भेज दिया जाता है। उन्होंने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो जाने के संदर्भ में कहा कि भाजपा और उनके बीच संबंध सभी के सामने हैं।
हाईकोर्ट के आदेश के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा कि हम हाईकोर्ट के फैसले का रिव्यू करेंगे और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि अदालत ने 25 हजार नौकरयां रद्द की हैं। ऐसे में हम निश्चित ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।