What is Quiet Firing : कंपनी में क्या आपकी सैलरी नहीं बढ़ रही है? क्या आपको प्रमोशन भी नहीं मिल रहा है? कहीं आप Quiet Firing का शिकार तो नहीं हो रहे? दरअसल, काफी कंपनियां इस समय अपने एम्प्लॉई को निकालने के लिए Quiet Firing का इस्तेमाल कर रही हैं। हालांकि काफी जगह इस तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं।
What is Quiet Firing : काफी कंपनियां समय-समय पर एम्प्लॉई को निकालती हैं और नई भर्ती करती हैं। इसमें एम्प्लॉई को निकालने का जो तरीका होता है, वह काफी अजीब होता है। सोशल मीडिया पर कंपनियों के इस तरीके पर सवाल भी उठते रहते हैं। इस तरीके में कंपनियां उस एम्प्लॉई का काम करना दुश्वार कर देती हैं, जिसे निकालना होता है। इसमें कंपनियां सीधे तरीके से एम्प्लॉई को नहीं निकालतीं, बल्कि दूसरे ऐसे तरीके आजमाती हैं जिनसे मजबूर होकर एम्प्लॉई खुद ही जॉब छोड़ देता है।
बॉस के भी निशाने पर
कई बाद कोई एम्प्लॉई बॉस के निशाने पर आ जाए तो वह भी Quiet Firing का शिकायत होता है। सैलरी न बढ़ाना, काम करने के बावजूद काम न करने का कहना, काम में छोटी-छोटी गलतियां निकालना, थोड़ा-सा देर से आने पर डांटना आदि चीजें शामिल होती हैं। ये वे सारी चीजें होती हैं, जिनसे एम्प्लॉई परेशान हो जाता है। इस बार वह ऐसी स्थिति को संभाल नहीं पाता और टेंशन में आ जाता है। बाद में वह परेशान होकर जॉब छोड़ देता है।
ऐसे पहचानें Quiet Firing को
- 1. अच्छा काम करने के बाद भी आपकी सैलरी न बढ़ रही हो।
- 2. प्रमोशन न मिला हो या कंपनी या बॉस ने प्रमोशन देने से साफ मना कर दिया हो।
- 3. काम में मैनेजर का सपोर्टन मिल रहा हो। छुट्टियां नहीं दी जा रही हों।
- 4. जरूरी मिटिंग या कंपनी के सोशल इवेंट में न बुलाया जा रहा हो।
- 5. करने के लिए साथी एम्प्लॉई के मुकाबले ज्यादा काम दिया जा रहा हो।
ऐसे निपटें Quiet Firing से
- जब भी आपको लगे कि बॉस का रवैया सही नहीं है तो पहले बॉस से ही बात करें। अगर बॉस बात को अनसुना करे तो बात ऊपर तक ले जाएं। इसके लिए कंपनी के HR या सीनियर मैनेजर से बात करें।
- अगर इसके बाद भी कोई रिस्पॉन्स न मिले तो कंपनी के टॉप अधिकारियों को ईमेल करें और अपनी स्थिति से उन्हें अवगत कराएं
कंपनी को भी होती है मुसीबत
कई बार एम्प्लॉई Quiet Firing का शिकार अपने बॉस की तरफ से ही होता है। ऐसे में कंपनी में ऊपर लेवल पर बात करने से बात बन भी जाती है। वैसे भी जब कोई पुराना एम्प्लॉई कंपनी छोड़कर जाता है तो कंपनी के लिए उसकी जगह नया एम्प्लॉई लाना काफी चैलेंजभरा होता है। इसमें कंपनी का न केवल पैसा खर्च होता है बल्कि समय भी ज्यादा लग सकता है। साथ ही कंपनी के काम पर भी प्रभाव पड़ता है। जो नया एम्प्लॉई आता है, उसे कंपनी के काम में ढलने में कुछ समय लग सकता है। ऐसे में कंपनियां अपने अच्छे एम्प्लॉई को खोना नहीं चाहतीं।