Kanpur News : पांच साल के बच्चे ने जिलाधिकारी, आबकारी अधिकारी समेत मुख्यमंत्री पोर्टल पर ठेके को लेकर शिकायत की थी लेकिन कहीं से सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद बच्चे ने एक वकील की मदद से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
Kanpur News : कानपुर के पांच साल के बच्चे की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ना सिर्फ उसके पक्ष में फैसला सुनाया बल्कि प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए। LKG में पढ़ने वाले बच्चे ने एक शराब की दुकान को लेकर जब स्थानीय प्रशासन से शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद बच्चे ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिस पर सुनवाई हुई।
क्या है पूरा मामला?
कानपुर के आजाद नगर के रहने अर्थव दीक्षित ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई, इसमें LKG में पढ़ने वाले अर्थव ने कहा कि मेरे घर के पास में ही मेरा स्कूल है और दोनों के पास में एक शराब की दुकान है। मुझे इस शराब की दुकान से होते हुए ही स्कूल जाना पड़ता है, जहां हमेशा भीड़ लगी रहती है।
अथर्व ने कहा कि उनकी हरकतों से हमें परेशानी होती है। जब मैं स्कूल में रहता हूं तो शराब पीने वालों की भीड़ ही दिमाग में घूमती रहती है। अथर्व का कहना है कि ऐसा रोज होता है, इसलिए इस शराब की दुकान को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए। अथर्व ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में ये याचिक लगाई थी।
4 महीने तक सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि स्कूल के बगल में ठेका खोलना नियमों का उल्लंघन है। साथ ही कानपुर आबकारी विभाग को आदेश दिया कि इस ठेके का लाइसेंस नवीनीकरण ना किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने सवाल उठाया कि इस ठेके का लाइसेंस रिन्युअल कैसे हो रहा था? जबकि नियम के मुताबिक मंदिर, अस्पताल और स्कूल के 50 मीटर के दायरे में ठेका नहीं खुल सकता।
बता दें कि अथर्व ने पहले सीएम योगी के पोर्टल, जिलाधिकारी और आबकारी विभाग को पत्र लिखकर ठेके को हटाने की मांग की थी लेकिन यह कहकर इस मांग को खारिज किया गया कि ठेका 30 सालों से वहीं चल रहा है और स्कूल नया बना है। हालांकि अथर्व ने याचिका दाखिल की और अब उनकी जीत हुई है।