Russia claims american meddle in lok sabha election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान रूस ने भारत के लिए बड़ा संदेश भेजा है। रूस का कहना है कि अमेरिका भारतीय चुनाव में दखलअंदाजी करने की कोशिश कर रहा है।
Russia on Lok Sabha Election 2024: भारत में लोकसभा चुनाव की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। भारतीय नेताओं के बयान जहां ग्लोबल मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं तो इसी बीच चुनाव में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप की खबरें सामने आ रही हैं। हालांकि अब रूस ने इस बात को लेकर भारत को आगाह किया है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने किया खुलासा
भारतीय लोकसभा चुनाव पर चर्चा करते हुए रूस ने बड़ा दावा किया है। रूस का कहना है कि अमेरिका, भारत की अंदरुनी राजनीति में अस्थिरता उत्पन्न करने के लिए चुनाव में दखलअंदाजी करने की कोशिश कर रहा है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं।
पन्नू मर्डर केस पर पूछा सवाल
मारिया ने पन्नू मर्डर केस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू मर्डर केस में भारत की भूमिका का दावा किया था। मगर अभी तक अमेरिका ने इस बारे में दुनिया को कोई सबूत नहीं दिया है।
अमेरिका को नहीं भारत के इतिहास की समझ- मारिया
मारिया ने कहा कि अमेरिका को भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास के बारे में नहीं पता है। इसीलिए अमेरिका अक्सर भारत पर बिना किसी सबूत के आरोप लगाता है। अमेरिका का ये बर्ताव भारत के लिए बेहद अपमानजनक है। अमेरिका भारत में राजनीति अस्थिरता लाने और लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए ये सब कर रहा है।
USCIRF की रिपोर्ट ने किया था दावा
बता दें कि हाल ही में USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में भारत की आलोचना की थी। इस अमेरिकी एजेंसी का कहना था कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जाता है। रिपोर्ट में भारत में अन्य कई आरोप लगे थे। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसपर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि USCIRF भारत के खिलाफ प्रचार कर रहा है।
मारिया ने मांगा पन्नू मर्डर केस का सबूत
इसी कड़ी में रूसी प्रवक्ता मारिया ने भी अमेरिका की इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए पन्नू मर्डर केस में भारत की भूमिका के सबूत सामने रखने की बात कही है। मारिया का कहना है कि अगर सचमुच पन्नू को मारने में भारतीय खूफिया एजेंसी के अफसर का हाथ है तो उसके सबूत पेश करने में अमेरिका इतना क्यों हिचकिचा रहा है? अमेरिका ने इस संदर्भ में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।