Uttarakhand Chardham Yatra Latest Update: गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले रास्ते में भयंकर जाम के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। जाम में फंसे लोग खुले आसमान में ठंड के मौसम में रात गुजारने को मजबूर है।
Uttarakhand Chardham Yatra Latest Update: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। खासतौर से गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले रास्ते पर 45 किमी. लंबा जाम है। यह जाम से हरिद्वार से आगे बरकोट में है। जहां से सीधा गंगोत्री और यमुनोत्री जाया जाता है। बरकोट से उत्तरकाशी की ओर जाने वाला 30 किमी. का रूट वन-वे है। ऐसे में मंदिर से लौट रही गाड़ियों को पहले निकाला जा रहा हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री की तुलना में केदारनाथ जाने वाले रास्ते पर जाम कम है। मंगलवार को केदारनाथ-बद्रीनाथ में 23 हजार लोगों ने दर्शन किए।
इस बीच जाम में फंसे होने के कारण मंगलवार को 5 लोगों ने दम तोड़ दिया। 3 लोग तो ऐसे थे जिन्होंने गाड़ी में ही दम तोड़ दिया। पिछले 4 दिनों में 10 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। मरने वाले सभी श्रद्धालुओं की उम्र 50 साल से अधिक है। इनमें से कई तो डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से पड़ित थे।
उत्तरकाशी से 20 किमी आगे जाने पर सड़क किनारे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग आराम करते नजर आ रहे हैं। जिस जगह पर जाम है वहां न तो खाना मिल रहा है और ना ही कोई रुकने का ठिकाना है। ऐसे में आसपास के लोग पानी की बोतल का 30-50 रुपए और शौचालय का उपयोग करने पर 100 रुपए तक चार्ज कर रहे हैं। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में अब तक 4 दिन में 1.30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। पिछले साल शुरुआती 4 दिनों में 52 हजार लोग ही पहुंचे थे। इस साल जितने लोग पहुंचे हैं उतने लोग 2023 में 16 दिन बाद पहुंचे थे।
अब तक 26 लाख से अधिक पंजीकरण
उधर उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि पिछले साल गंगोत्री और यमुनोत्री में इस महीने के अंत तक 12 हजार और 13 हजार यात्री ही पहुंचे थे। अब तक करीब 26 लाख से ज्यादा पंजीकरण हो चुके हैं। वहीं कपाल खुले हुए अभी 4 दिन हुए हैं। अभी यात्रा नवंबर तक चलेगी। उन्होंने बताया कि सरकारी इंतजाम पिछले साल पहुंचे हुए यात्रियों के हिसाब से किया गया है। इस बीच कई यात्री ऐसे हैं जो बिना पंजीयन के ही पहुंच गए हैं। फिलहाल यात्रियों को हरिद्वार से पहले ही रोका जा रहा है। ताकि ऊपर की ओर ज्यादा दबाव नहीं बने।