Azizan Bai, Heeramandi: ‘हीरामंडी’ की ‘बिब्बोजान’ ही नहीं बल्कि रियल लाइफ की भी एक तवायफ ऐसी थी, जिन्होंने जंग-ए-आजादी के लिए अपनी जान दे दी। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
Azizan Bai, Heeramandi: संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ की चर्चा तो कम होने का नाम ही नहीं ले रही। हर तरफ इस सीरीज के बारे में चर्चा हो रही है। सीरीज की कहानी कुछ ऐसी है कि जब आजादी की लड़ाई में महफिल सजाने वाली तवायफों ने घुंघरू उतार दिए और गुलामी की बेड़ियां तोड़ने के लिए क्रांतिकारियों के साथ रणनीतियां बनाई। इस सीरीज में अदिति राव हैदरी जो ‘बिब्बोजान’ बनी हैं, उन्होंने ऐसा ही किरदार निभाया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी ही एक ‘बिब्बोजान’ रियल लाइफ में भी थी, जिन्होंने आजादी के लिए क्या कुछ नहीं किया, लेकिन आज वो कहीं गुम-सी हो गई हैं।
मशहूर तवायफ ‘अजीजन बाई’
दरअसल, हम बात कर रहे हैं कानपुर की मशहूर तवायफ ‘अजीजन बाई’ की, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम भूमिका निभाई थी। अजीजन का जन्म 4 जून को हुआ था। बचपन से ही अजीजन के दिल में आजादी की ज्वाला धधक रही थी और वो दूर-दूर तक मशहूर थी। इतिहासकारों की मानें तो साल 1824 में अजीजन बाई का जन्म हुआ था। अजीजन की मां भी लखनऊ की एक मशहूर फनकार हुआ करती थीं। उस वक्त अजीजन भी एक कमाल की डांसर थी, लेकिन बावजूद इसके वो पुरुषों की तरह रहना पसंद करती थी।
अजीजन की खूबसूरती के दीवाने थे लोग
इतना ही नहीं बल्कि अजीजन अपने साथ हर वक्त बंदूक भी रखती थी और सैनिकों के साथ घोड़े की सवारी भी करती थीं, जिस महफिल में अजीजन अपना जलवा दिखाती थी, उस महफिल में अजीजन का कोई दीवाना ना हो, ये तो कभी हुआ ही नहीं। उनकी खूबसूरती हमेशा ही लोगों को वाह करने पर मजबूर कर देती थी। एक शानदार कलाकार होने के साथ-साथ अजीजन बाई कमाल की योद्धा भी थी, जो क्रांतिकारी जासूस बनकर बड़ी ही चालाकी से ब्रिटिश अधिकारियों की जानकारी आजादी के दीवानों के पास भेजती थी।
नाना साहेब ने अजीजन को बना लिया था बहन
स्वतंत्र भारत का सपना आंखों में लिए इस खानदानी रईस ने अपनी सारी दौलत क्रांति में पड़ने वाली जरूरतों के लिए दे दी। अजीजन ने हमेशा ही क्रांति के लिए सब कुछ किया और अपने जैसी लगभग सभी तवायफों का एक संगठन बनाकर एकजुट किया और इस संगठन का नाम रखा गया ‘मस्तानी टोली’। अजीजन बाई के हौसले और उनके सीने में धधकती आग को देखकर नाना साहेब ने उन्हें अपनी बहन बना लिया और अजीजन को एक तलवार भेंट करते हुए राखी भी बंधवाई।
रियल लाइफ ‘बिब्बोजान’
एक बार जब अंग्रेजी सेना ने उन्हें घेरकर बंदी बना लिया, तो अंग्रेजी सरकार ने शर्त रखी कि अगर वो अपने साथियों की जानकारी उन्हें दे देंगी, तो अंग्रेज उन्हें माफ कर देंगे, लेकिन अजीजन तो अजीजन थी, वो भला कहां किसी के सामने झुकने वाली थी और उन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने टेकने से साफ मना कर दिया। इस पर अंग्रेजी सरकार के आला अफसरों ने तुरंत अजीजन को मारने का फरमान जारी कर दिया और उनके सीने में गोलियां मार दी गई। भले ही आज अजीजन हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके बलिदान को हिंदुस्तान कभी नहीं भूल सकता। आज के टाइम पर देखें तो अजीजन ही रियल लाइफ ‘बिब्बोजान’ हैं।