Uttar Pradesh Election Results Caste wise MPs Data: उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। मगर सवाल ये है कि इस हार का कारण क्या है? समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के पीडीए कार्ड ने मोदी-योगी के गढ़ में सेंध लगाने का काम किया है।
Uttar Pradesh Lok Sabha Election Results 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश से लगा है। सूबे की 80 सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 33 सीटें मिली हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है। इन आंकड़ों ने कई लोगों को हैरानी में डाल दिया है।
योगी-मोदी का गढ़ है यूपी
आमतौर पर यूपी को बीजेपी का गढ़ कहा जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी से लेकर राजनाथ सिंह जैसे कई केंद्रीय मंत्रियों ने संसद तक का सफर यूपी से ही तय किया है। खासकर बीजेपी के फायर ब्रिगेड नेता योगी आदित्यनाथ की वजह से बीजेपी यूपी में जीत को लेकर काफी कॉन्फीडेंट थी। मगर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बाजी पलट कर रख दी। जिसकी सबसे बड़ी वजह सटीक जातीय समीकरण है
सपा का दांव कामयाब
यूपी में समाजवादी पार्टी के विनर कैंडिडेट्स में 86 प्रतिशत सांसद ओबीसी, दलित और मुस्लिम समुदाय से हैं। समाजवादी पार्टी के विजेता सांसदों में 20 ओबीसी, 8 एससी और 4 मुस्लिम कैंडिडेट्स हैं। इसी कड़ी में एक ब्राह्मण (सनातन पांडे), वैश्य (रुचि वीरा) और भूमिहर (राजीव राय) शामिल हैं। साथ ही दो ठाकुर (आनंद भदौरिया और बीरेंद्र सिंह) भी मौजूद हैं।
अखिलेश का पीडीए कार्ड
आंकड़ों से साफ है कि आम चुनाव में अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) कार्ड खेला और वो काफी हद तक इसमें कामयाब भी रहे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भगवान राम की नगरी अयोध्या है, जहां सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने 10 साल से सांसद रहे लल्लू सिंह को हरा दिया। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अवधेश प्रसाद महज 54,567 वोटों से बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह से जीत गए। वहीं दूसरी तरफ मेरठ में सपा की दलित प्रत्याशी सुनीता वर्मा सिर्फ 10,500 वोटों से बीजेपी के अरुण गोविल से हारी हैं
चूक गई बीजेपी
हालांकि बीजेपी के संसदीय उम्मीदवारों की फेहरिस्त ऊंची जातियों से भरी पड़ी थी। लेकिन उनमें सिर्फ 15 सांसदों की जीत हुई। बाकी के 10 सांसद ओबीसी और 8 सांसद एससी समुदाय के हैं। हालांकि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को 62 सीटें मिली थीं। इसमें 28 सांसद अपर कास्ट, 14 एससी और 20 ओबीसी के शामिल थे।