अंकिता के पिता शिवशंकर ने बताया कि दो बेटे और दो बेटियों के होने के बाद उनका परिवार पूरा हो गया था। अब उन्हें बस इतनी फिक्र थी कि बच्चे अच्छी पढ़ाई कर लें और इनकी अच्छे घरों में शादी हो जाए।
गोरखपुर के गीडा के बरहुआ गांव में अंकिता यादव (20) की मौत के बाद शुक्रवार को सन्नाटा पसरा था। दोपहर करीब दो बजे उसके घर पर पिता शिवशंकर को चाचा जयप्रकाश और मामा ओमप्रकाश ढांढस बंधा रहे थे। शिवशंकर एक ही बात बार-बार कह रहे थे-घर से महज 50 मीटर पर बेटी को कार से रौंद दिया गया, उसे बचा नहीं पाया, इस बात का मलाल जिंदगीभर रहेगा। यह कहते-कहते वह रोए जा रहे थे। मामले में सामने आया है कि हत्याकांड का आरोपी प्रिंस 2020 से ही अंकिता के पीछे लगा था। वह मोबाइल फोन से बातचीत भी करता था। मई में अंकिता की शादी तय हो गई, इसके बाद वह प्रिंस से बातचीत बंद कर दी थी।
मामा ओमप्रकाश यादव ने बताया कि बरहुआ में शिवशंकर यादव के घर पर नवंबर में अंकिता के तिलक का कार्यक्रम था। परिवार के लोग घर की साफ-सफाई में जुटे थे। रिश्तेदार, दोस्तों और पड़ोसियों की सूची बनकर तैयार थी। मां-बाप ने खरीदारी भी शुरू कर दी थी। कई रिश्तेदारों ने तो एक माह पहले ही आने की तैयारी कर ली थी। अचानक इस घर की खुशियों पर न जाने किसकी नजर लगी और पूरा माहौल मातम में बदल गया।