साल 2020 से पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी झेल रही है। अब तक ये वायरस 70 करोड़ से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुका है। कोरोनावायरस के बाद मंकीपॉक्स के कारण भी वैश्विक स्तर पर मरीजों की संख्या बढ़ती देखी गई है। मंकीपॉक्स इन दिनों बड़ा स्वास्थ्य जोखिम बना हुआ है। हालिया जानकारियों के मुताबिक भारत में भी इसके अब तक तीन मरीज सामने आए हैं। कोरोना और मंकीपॉक्स के जारी जोखिमों के बीच अब एक नया संक्रामक रोग स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता बढ़ा रहा है।
पूर्वी अफ्रीका के देश रवांडा में इन दिनों मारबर्ग वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। यहां अब तक 26 मामलों की पुष्टि हुई है साथ ही इससे छह लोगों की मौत भी हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 30 जिलों में से सात में वायरस के मामले सामने आए हैं। 26 लोगों में से बीस मामले गंभीर बने हुए हैं और आइसोलेशन में हैं। संक्रमित लोगों के संपर्क में आए करीब 160 लोगों की मॉनिटरिंग की जा रही है।
वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अफ्रीकी देशों में बढ़ते इस खतरे को लेकर अलर्ट किया है।
मारबर्ग वायरस को लेकर अलर्ट
मारबर्ग वायरस को कई मामलों में चुनौतीपूर्ण बताया जा रहा है, इसकी मृत्यु दर 88% तक है जो विशेषज्ञों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। ये वायरस इबोला फैमिली का ही माना जा रहा है, जिसके मामले पहले भी रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। कोरोनावायरस की ही तह यह भी चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। संक्रमित व्यक्तियों के शरीर के द्रव के संपर्क में आने से इसके एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा रहता है।
वायरस को रोकने और संक्रमितों में इसकी जटिलताओं को कम करने के लिए प्रयास को लेकर डब्ल्यूएचओ ने सभी से सावधान रहने की अपील की है। विशेषज्ञों ने कहा, नैदानिक देखभाल और संक्रमण की रोकथाम- नियंत्रण पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इस वायरस के लिए अभी न तो कोई विशिष्ट उपचार है न ही इसकी रोकथाम के लिए कोई टीका। दवाओं और प्रतिरक्षा उपचार की एक श्रृंखला विकसित की जा रही है। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हम संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उपायों के साथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को सोशल डेंस्टेंसिंग का पालन करते रहने की सलाह दी गई है।