मीम को गठबंधन से दूर रखना साबित होगा नुकसानदेह ! वहीं मायावती की राह पर अब सपा मुखिया अखिलेश यादव भी, पार्टी विस्तार के नाम पर मध्य प्रदेश हरियाणा और कश्मीर में चुनाव लड़ने से नहीं कर रहे हैं गुरेज !
मुंबई:(संवाददाता) 288 सदस्यों वाले महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव होने में अब महज़ कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं यहां चुनाव एक ही चरण में यानी 20 नवंबर को होना है वहीं चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आ जाएंगे इसके लिए यहां के सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है सीट बंटवारे को लेकर महायुति (भाजपा,शिवसेना शिंदे गुट एनसीपी अजीत पवार गुट) और महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस, शिव सेना ठाकरे गुट एनसीपी शरद पवार गुट, समाज वादी पार्टी) में शामिल दलों ने सीटें भी लगभग तय कर ली हैमहाविकास अघाड़ी और सपा के दरमियान सीटों के बंटवारे को लेकर नामांकन के अंतिम समय तक बात नहीं बन पाई आघाड़ी से पांच सीटों की उम्मीद लगाए बैठी सपा ने कुल नौ सीटों पर अपने प्रत्याशियों का नामांकन कराकर गठबंधन के रिश्तों में पेंच फंसा दिया है सूत्रों की मानें तो गठबंधन में सपा को दो सीट देने की बात तय हुई थी जिस में सपा के मौजूदा विधायक अबु आसिम आजमी और रईस शेख महाविकास आघाड़ी के तहत चुनाव लड़ेंगे। लेकिन समाजवादी पार्टी ने शेष सात उम्मीदवार और उतारे हैं जो अब चार नवंबर को यानी आज नाम वापसी के बाद सपा की स्थिति साफ हो सकेगी महाराष्ट्र के सपा प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी का कहना है कि महाविकास आघाड़ी के बैनर तले दो सीटें मिलने पर सहमति बनी थी।
वहीं दूसरी तरफ एमआईएम
राज्य में 14 सीटों पर चुनाव लड़ रही है पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने ऑफिशियल हैंडल पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है पार्टी के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील औरंगाबाद पूर्व विधानसभा क्षेत्र से खुद मैदान में हैं वहीं पार्टी के मुंबई अध्यक्ष की कमान संभाल रहे कारोबारी से नेता बने रईस लश्करिया भी वर्सोवा सीट से एक बार फिर मैदान में हैं नये परसीमन के बाद यानी 2009 से यह विधानसभा सीट अस्तित्व में है तब से इस सीट पर तीन बार चुनाव हुआ है जिसमें से एक बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी ने जीत दर्ज कराई है मुंबई की यह वर्सोवा सीट इस बार काफी चर्चा में है दरअसल इस सीट पर इस बार दो चार नहीं बल्कि 19 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं इसी सीट से रईस लश्करिया भी मैदान में हैं लश्करिया हाल ही में कांग्रेस छोड़कर एमआईएम में शामिल हुए हैं इस से पहले वो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के टिकट पर भी अंधेरी पश्चिम विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। जानकारों की मानें तो एमआईएम के कुछ गिने-चुने उम्मीदवारों की पोजीशन बहुत अच्छी हो सकती है जिन में औरंगाबाद पूर्व से इम्तियाज जलील बायकुला से फैयाज अहमद खान और मालेगांव सेंट्रल से मुफ्ती इस्माईल कासमी शामिल हैं लेकिन इस जीत से कहीं बड़ा नुकसान एमआईएम यहां महा विकास आघाड़ी को पहुंचा सकता है ऐसा जानकारों का मानना है बहरहाल महाविकास आघाड़ी से एमआईएम को दूर रखने का फैसला फिलहाल नुकसानदेह साबित होने वाला है।उधर उत्तर प्रदेश के नौ सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भी देशभर के निगाहें जमी हुई है अब इस चुनाव में मुकाबला बीजेपी और सपा उम्मीदवारों के बीच होने जा रहा है समाजवादी पार्टी सभी 9 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी कांग्रेस पार्टी इस उपचुनाव में न ही उम्मीदवार उतारेगी और न ही कांग्रेस का कोई भी कैंडिडेट किसी दूसरी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेगा
कांग्रेस आला कमान ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यूपी उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को चुनाव जीतने और बीजेपी को हराने के लिए पार्टी हर संभव प्रयास करेगी इस तरह कांग्रेस ने अपना गठबंधन धर्म निभाते हुए यूपी उपचुनाव में खुद चुनाव ना लड़कर सभी नौ सीटों पर सपा की हिमायत का ऐलान किया है।