Anju Mahendru: जब लिव-इन में रहते थे राजेश खन्ना, तो फिर अचानक से क्यों लिया शादी का फैसला? आखिर ऐसा क्या हुआ था?
Anju Mahendru: बी-टाउन के कई सितारे ऐसे हैं, जिनके किस्से आज भी होते हैं। साथ ही कुछ ऐसे भी नाम हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको बॉलीवुड के ऐसे ही कपल की बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में कुछ ही लोगों को पता है। हालांकि दोनों ही सितारें बड़ा नाम रहे और अपनी लाइफ में खूब नाम कमाया है। आइए जानते हैं इनके बारे में…
राजेश खन्ना और अंजू महेंद्रू
दरअसल, हम बात कर रहे हैं 60 के दशक के मशहूर अभिनेता राजेश खन्ना और अंजू महेंद्रू की। जी हां, वही राजेश खन्ना जिनकी बड़ी फैन फॉलोइंग थी और जो लड़कियों के सपनों के राजकुमार हुआ करते थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राजेश और अंजू को एक-दूसरे के बेहद करीब बताया जाता है। दोनों को लेकर कहा जाता है कि ये एक-दूसरे के प्यार में पागल थे और लिव-इन रिलेशनशिप में रहते थे, लेकिन फिर अचानक से राजेश ने डिंपल कपाड़िया से शादी का फैसला ले लिया।
राजेश ने अचानक लिया शादी का फैसला
लोगों को हैरानी हुई कि जब राजेश खन्ना, अंजू के प्यार में हैं और उनके साथ लिवइन में रहते हैं, फिर अचानक से वो किसी और से कैसे शादी कर रहे हैं। दरअसल, रिपोर्ट्स की मानें तो हुआ कुछ ये था कि जब राजेश ने अंजू से शादी की बात की, तो अंजू ने शादी से मना कर दिया। फिर कुछ सालों बाद राजेश ने फिर से अंजू से शादी की बात की, तो अंजू ने फिर से मना कर दिया।
अंजू ने शादी के लिए कर दिया था मना
दरअसल, अंजू चाहती थी कि वो अपने करियर पर ध्यान दें और पहले एक फेम पा लें, उसके बाद शादी करेंगी, लेकिन जब अंजू ने दो बार शादी से इंकार कर दिया तो राजेश ने डिंपल संग शादी का फैसला कर लिया। इतना ही नहीं बल्कि इस दौरान ये भी अफवाहें थी कि क्रिकेटर गैरी सोबर्स और इम्तियाज खान के साथ अंजू के लिंक-अप है और इस दौरान उन्होंने राजेश को शादी के लिए भी मना कर दिया था, तो राजेश ने अपने रिश्ते को खत्म कर शादी का फैसला कर लिया था। कहा जाता है कि शादी के 17 साल बाद भी अंजू और राजेश ने एक-दूसरे से बात नहीं की थी, लेकिन साल 1988 में दोनों फिर से दोस्त बन गए थे।
आखिरी वक्त में मैंने उनका हाथ थामा- अंजू
इतना ही नहीं बल्कि इन दोनों को लेकर महेश भट्ट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राजेश खन्ना की आखिरी सांस तक अंजू ने उनका साथ दिया है। उन्होंने कहा कि जब मुझे उनके निधन के बारे में पता लगा, तो मैंने अंजू के बारे में सोचा और मैं देर रात ही उनसे मिलने के लिए गया। मैंने सोचा कि इससे अंजू पर बेहद गहरा असर हुआ होगा और वहां मुझे पता लगा कि बीते साल से दोनों साथ हो गए थे। इतना ही नहीं बल्कि अंजू, राजेश का ध्यान भी रखती थीं और उनके साथ रहती थी। इसके आगे महेश ने कहा कि उन्होंने अपने आंसुओं को छिपाते हुए मुझे बताया था कि जब राजेश ने आखिरी सांस ली तो उस वक्त मैंने उनका हाथ थाम रखा था।