Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की है। भारतीय जनता पार्टी ने 199 में से 115 सीटों पर कब्जा जमाया है।
Rajasthan Assembly Elections 2023: रविवार (3 दिसंबर) का दिन भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद ही खास दिन रहा। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने तीन राज्यों (राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश) में प्रचंड जीत दर्ज की। चुनाव नतीजे आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर घमासान शुरू हो गया है। राजस्थान हो या छत्तीसगढ़ या फिर मध्य प्रदेश, भाजपा ने कहीं भी मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं की है। यहां हम बात करेंगे राजस्थान की जहां मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। अब, केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इसका जवाब दिया है।
कौन होगा राजस्थान का मुख्यमंत्री?
चुनाव नतीजे आने से पहले से ही भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपनी पार्टी की जीत के बारे में विश्वास जताया। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि लड़ाई “कांग्रेस के कुशासन” और “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक शासन” के बीच है।
राठौर ने दिया जवाब
राठौर ने रविवार के दिन को खास बताया और कहा कि यह पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व और कांग्रेस के व्यापक कुशासन के बीच मुकाबला है। जब, उनसे राजस्थान के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नतीजे आने के बाद पार्टी इसकी घोषणा करेगी।
उन्होंने कहा, “हर चीज सही समय पर आती है। एक बार नतीजे आने के बाद पार्टी नेतृत्व फैसला करेगा। यह एक टीम प्रयास है, सामूहिक प्रयास है, कोई नेतृत्व करेगा। पार्टी सही समय पर फैसला करेगी।”
इस बीच, एग्जिट पोल में, जिसमें राज्य में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की गई थी, राठौड़ ने कहा, “बूथ कार्यकर्ताओं की तुलना में वे वास्तव में कितने लोगों को तैनात कर सकते हैं। हमारे पास हर बूथ पर एक था। हमारा फीडबैक इन एग्जिट पोल से ज़्यादा जानकारीपूर्ण है।”
अंतिम दौर की गिनती तक भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में 111 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही। वहीं, कांग्रेस ने महज 69 सीटों पर जीत दर्ज करते दिखाई दे रही है।
पिछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीती थी 100 सीटें
2018 विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। 200 में से 100 सीटें हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बसपा, रालोद और 13 निर्दलीय उम्मीदवारों ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। बाद में 2019 में, सभी छह बसपा उम्मीदवार कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उपचुनाव में कांग्रेस ने मंडावा विधानसभा सीट भी जीत ली थी।