NASA America Mars Mission 2030 Update: नासा को अपने मार्स मिशन के लिए वॉलंटियर्स चाहिएं। अंतरिक्ष की सैर करने के साथ-साथ सैलरी भी मिलेगी। हालांकि मिशन 2030 तक जाएगा, लेकिन मिशन की तैयारी कराने के लिए अभी से आवेदन मांग लिए गए हैं। ऐसे में अगर आप मंगल ग्रह पर छुट्टियां बिताना चाहते हैं, नासा के इस ऑफर का फायदा उठा सकते हैं।
NASA America Invited Volunteers Application: क्या आप भी धरती की जगहों पर घूम कर बोर हो चुके हैं? और ब्रह्मांड में किसी और ग्रह पर कुछ समय बिताना चाहते हैं, तो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के पास आपके लिए एक सुनहरा मौका है। मंगल ग्रह पर एक साल बिताने का मौका। वो भी सैलरी के साथ।
जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना है। दरअसल NASA को अपने मंगल मिशन (Mars Mission) के लिए 4 वॉलियंटर्स चाहिए, जो एक साल तक एक ऐसी जगह पर रहेंगे, जो हुबहू मंगल ग्रह जैसी होगी। यहां का वातावरण भी लाल ग्रह के मुताबिक ही तैयार किया जाएगा। नासा 2030 में इंसानों को मंगल पर भेजने की तैयारी कर रहा है।
2030 तक लॉन्च होगा प्रोग्राम
जानकारी मिली है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी को ऐसे लोग चाहिए, जो एक साल तक मंगल या उसके 3डी मॉडल पर रह सकें। यह तय है कि इस दौरान आप पूरी दुनिया से कट जाएंगे और नासा को छोड़कर धरती के लोगों से कोई संपर्क नहीं रहेगा। अमेरिका ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर में शुरू हुआ यह प्रोग्राम नासा के Chapea Program का हिस्सा है, जो क्रू के स्वास्थ्य और उनके प्रदर्शन को आंकने के लिए शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम के तहत तैयार हुए लोग मंगल ग्रह पर कदम रखने वाले पहले इंसानों में शामिल होंगे। अगर सब ठीक रहा तो 2030 की शुरुआत में इस प्रोग्राम को लॉन्च कर दिया जाएगा।
1700 स्क्वायर फीट की जगह
नासा के मुताबिक वॉलियंटर्स को 1700 वर्ग फीट की एक जगह में रहना होगा। इसका नाम मार्स ड्यून अल्फा है। यहां पर वह सारी चुनौतियां मौजूद होंगी, जो मंगल ग्रह पर हैं। आपके पास बहुत ही कम साधन होंगे। आपको दिए गए उपकरण कभी भी फेल हो सकते हैं। कम्युनिकेशन करने में लंबा समय लग सकता है। साथ ही वहां के वातावरण को लेकर दबाव भी आपको झेलना होगा। इस दौरान क्रू को स्पेस वॉक, रोबोटिक ऑपरेशन समेत मंगल ग्रह पर आने वाली अन्य चुनौतियों की ट्रेनिंग दी जाएंगी।
कितनी मिलेगी सैलरी
इस मिशन के लिए चुने गए 4 लोगों को कितनी सैलरी या भुगतान मिलेगा, इसका खुलासा तो अभी नासा ने नहीं किया है। लेकिन यह तय है कि इन लोगों को ‘मंगल’ पर एक साल बिताने के सुनहरे अवसर के बदले अच्छा भुगतान करना होगा। मिशन का प्रबंधन देख रहे लोगों का पूरा फोकस इस बात पर है कि सही लोगों का चयन हो। इनके लिए इंजनियरिंग, मैथ्स, बायोलॉजी, फिजिकल या कंप्यूटर साइंस में डिग्री होना जरूरी है। आवेदन की आखिरी तारीख 2 अप्रैल है।
ये शर्तें करनी होंगी पूरी
इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ पायलट के पास 1000 घंटे का अनुभव होना चाहिए। साथ ही वह पूरी तरह से हेल्दी हो। उसकी उम्र 30 से 55 साल हो और वह स्मोक न करता हो। एजेंसी का कहना है कि आवेदक में जो सबसे जरूरी चीज होनी चाहिए वह है कि कुछ रोमांचक करने के लिए तत्पर हो। ट्रेनिंग के बाद क्रू को अगले साल मंगल ग्रह जैसे वातावरण में रहने का मौका दिया जाएगा। इस प्रोग्राम के पहले मिशन के तहत चार लोग इसी साल अगस्त में एक साल के लिए रहने के लिए जाएंगे।