पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ है कि दोनों को हत्या के बाद नहीं जलाया गया बल्कि जब आग लगी तो दोनों जिंदा थे। दूसरी ओर घटनास्थल पर दिखाई पड़ रहे साक्ष्य ग्रामीण और स्वजन के बयानों से हत्या की ओर भी सुई घूम रही है। पुलिस पता लगा रही है कि अनिल की मौत से किसको क्या हासिल हो सकता है।
कानपुर। सेन पश्चिमपारा के गांव कसिगवां में दो युवकों के आग में जलने से मौत के मामले में पुलिस की जांच हादसे की ओर बढ़ रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ है कि दोनों को हत्या के बाद नहीं जलाया गया, बल्कि जब आग लगी तो दोनों जिंदा थे। दूसरी ओर घटनास्थल पर दिखाई पड़ रहे साक्ष्य, ग्रामीण और स्वजन के बयानों से हत्या की ओर भी सुई घूम रही है। पुलिस पता लगा रही है कि अनिल की मौत से किसको क्या हासिल हो सकता है।
इसलिए हादसा
अनिल और राज दोनों के शव बुरी तरह से जल चुके थे। मांस लगभग जल चुका था और कंकाल शेष बचा था। दोनों के शव चारपाई के नीचे पड़े हुए थे। शवों के अधिक जल जाने की वजह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कुछ खास हासिल नहीं हुआ, जिसके बाद पुलिस ने विशेषज्ञों से राय ली।
विशेषज्ञों ने पुलिस को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी स्वांस नली में कार्बन मिला है, जिससे यह इशारा हो रहा है कि आग लगने के वक्त दोनों जिंदा थे। वहीं वोकल कार्ड और ट्रैकिया में भी कार्बन अणु पाए गए हैं, जिससे यह साबित होता है कि बुरी तरह से झुलसने के वक्त तक भी दोनों जीवित थे।
फोरेंसिक विशेषज्ञों ने इस प्रकरण में नया बिंदु जोड़ा है कि अनिल के घर में रखा सिलेंडर लीक था और गैस कमरे में भरी थी। अचानक आग लगने से दोनों को बचने के लिए वक्त ही नहीं मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने भी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि हत्या और हादसे को लेकर जांच चल रही है। अभी पुलिस किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। दोनों नामजद आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हालांकि यह थ्योरी हादसे की ओर इशारा कर रही है।
इसलिए है हत्या
एक सामान्य व्यक्ति का मृत्यु के बाद जब अंतिम संस्कार किया जाता है तो उसके लिए करीब तीन क्विंटल लकड़ी की जरूरत पड़ती है। जिस कमरे में यह हादसा हुआ, वहां एक चारपाई और रजाई के अलावा कुछ कपड़े थे। बड़ा सवाल यह है कि वहां ऐसा क्या था, जिसने दो युवकों के शरीर को कंकाल में तब्दील कर दिया।
गुरुवार की सुबह घर के पीछे नाली में छिपाकर रखी गई आठ खाने की पत्तलें बरामद हुईं, जिसमें खाना खाया गया था। स्थानीय लोगों ने बताया है कि यह पत्तलें बुधवार की सुबह बदलू के बेटे विनोद ने यहां छिपाई थी। इस आधार पर ऐसा दावा किया जा रहा है कि बाहर से सात आठ लोगों को बुलाया गया।
उन्होंने ही पहले बदलू के यहां खाना खाया और रात को उन्होंने दोनों को जलाकर मार डाला। बदलू के यहां से अनिल के खाली पड़े प्लाट में चढ़ने के लिए कुछ ईंट भी रखी मिली हैं। बाइक अगले वाले कमरे में किनारे खड़ी होती है, वह घटना वाले दिन दरवाजे के सामने खड़ी मिली।
सौतेले पिता की भी नहीं है कोई संतान
अनिल को पैत्रक संपत्ति केवल कसिगवां में ही नहीं मिलनी थी, बल्कि वह सौतेले पिता की संपत्ति का भी हकदार था। स्वजन के मुताबिक सौतेले पिता विजय से शादी करने के एक साल बाद ही अनिल की मां की मृत्यु हो गई। चूंकि विजय ने पहले भी एक शादी की थी।
विजय सरकारी कर्मचारी थे। उनके कोई और संतान नहीं थी। ऐसे में विजय कानूनी रूप से उनकी संपत्ति का भी हकदार है। इस सूचना के बाद पुलिस हत्या के पीछे लाभान्वित होने वालों को चिह्नित करके उनकी पड़ताल की योजना बना रही है।
पुलिस ने दोबारा ली तलाशी, जले मिले दोनों मोबाइल
सेन पश्चिमपारा पुलिस ने गुरुवार को दोबारा घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस को इस दौरान अनिल और राज दोनों के मोबाइल कमरे से ही बरामद हो गए। दोनों मोबाइल चारपाई के बगल में रखे थे और आग में जल गए।