सूबे में सियासी सरगर्मियां हुई तेज एमआईएम के अलावा अब अयूब अंसारी की पीस पार्टी की भी हुई एंट्री सेक्युलर वोटो के बिखराव का जबरदस्त ख़दशा !!
संवाददाता : पवन पांडे
मुंबई: महाराष्ट्र की पथरीली जमीन पर भी भाजपा ने अंततः अपना कमल का फूल खिला कर ना सिर्फ़ यहां अपने विरोधियों को चारों खाने चितकर दिया बल्कि विरोधियों के सियासी वजूद पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने का भरसक प्रयास किया लेकिन गत दिनों हुए लोकसभा चुनाव नतीजों ने यह साबित कर दिया कि यहां की पथरीली जमीन का रास्ता फिलहाल भाजपा के लिए आसान नहीं है ! महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में बजाने की संभावना जताई जारही है दीपावली नवंबर के पहले सप्ताह में है लिहाजा ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि दीपावली के बाद यानी नवंबर के दूसरे सप्ताह में विधानसभा चुनाव की वोटिंग कहै चुनाव नतीजों का ऐलान 14 से 15 नवंबर के आसपास किया जा सकता है मालूम रहे की 26 नवंबर से पहले नई विधानसभा का गठन हो जाना चाहिए
विदित रहे कि भाजपा ने महाराष्ट्र में शिवसेना की उंगली पड़कर पहली बार 1989 में यानी आज से 36 साल पहले एंट्री ली और अगले ही वर्ष 1990 में हुए 288 सदस्यों वाली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 42 और शिवसेना ने 52 सीटें जीती इस तरह भाजपा ने सेना की उंगली पड़कर महाराष्ट्र में कुल सात विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन इस दरमियान धीरे-धीरे भाजपा ने कुछ ऐसी राजनीति शुरू की जिसने शिवसेना को छोटा और भाजपा को बड़ा बना डाला 2014 के आम चुनाव में तो भाजपा ने 288 सदस्यों वाली विधानसभा में अकेले 122 सीटों पर जीत दर्ज कराई जबकि शिव सेना को महज़ 63 सीटों पर ही महदूद कर दिया इसी तरह 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत का परचम फहरा दिया जबकि सेना को महज़ 56 सीटों से ही संतोष करना पड़ा लेकिन काफी समय गुजर जाने के बाद शिवसेना ने 2019 के आम चुनाव के बाद अंततः इस 31 साल पुराने गठबंधन को अलविदा कहते हुए धर्मनिरपेक्ष पार्टियों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से हाथ मिला कर सूबे की सत्ता पर कब्जा कर लिया इस तरह महाराष्ट्र की सख्त पथरीली जमीन की परंपरागत राजनीति को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बदल कर रख दिया तिल मिलाई भाजपा ने सत्ता का खुला दुरुपयोग करते हुए मराठा क्षत्रप शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मुखिया शरद पवार को धूल चटाने का भरसक प्रयास किया भाजपा ने न केवल शिवसेना के दो टुकड़े कर डाले बल्कि राजनीति के धुरंधर शरद पवार की एनसीपी को भी दो फांट में कर डाला।लेकिन मराठों ने अपनी खोई हुई अस्मिता को बहाल करते हुए गत दिनों हुए लोकसभा चुनाव में 48 सीटों में से उद्धव ठाकरे वाले इंडिया गठबंधन को 30 सीटों पर जीत दिलाई जबकि भाजपा के एनडीए को महज़ 17 सीटों पर ही महदूद कर डाला ! अब एक बार फिर महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं सूबे में अभी से ही सियासी सरगर्मियां तेज होती देखी जा रही हैं यहां ना सिर्फ मीम बल्कि अयूब अंसारी की पीस पार्टी की भी एंट्री हो चुकी है सूबे में जगह-जगह पर पीस पार्टी की होल्डिंग लगी हुई है जिससे विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सेकुलर वोटरों के बिखराव का खदशा जाहिर किया जा रहा है