उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में गोविंदपुरी- भीमसेन रेलवे लाइन पर एक बार फिर सिलिंडर मिला है। ट्रैक पर अग्निशमन सिलिंडर देखते ही पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए और उसे उठाकर सेंट्रल स्टेशन पर आरपीएफ में जमा करा दिया। बताया जा रहा कि सेफ्टी सिलिंडर कुछ देर पहले उधर से गुजरी कुशीनगर एक्सप्रेस में लगा था। यहां ट्रैक पर कैसे आया, इसकी जांच की जा रही है।
बता दें कि कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस, अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर कालिंदी एक्सप्रेस और कानपुर-फतेहपुर रेलवे लाइन पर प्रेमपुर स्टेशन के बाद यह चौथी घटना है। पुष्पक एक्सप्रेस से पहले कुशीनगर एक्सप्रेस और गोरखपुर एक्सप्रेस भी इधर से गुजरी थीं।
जानकारी के अनुसार, लोकमान्य तिलक टर्मिनल से चलकर लखनऊ जा रही पुष्पक एक्सप्रेस (12534) रविवार की सुबह 4:14 बजे भीमसेन स्टेशन से गोविंदपुर स्टेशन की ओर बढ़ रही थी। होल्डिंग एरिया होने की वजह से ट्रेन की रफ्तार धीमी थी।
लोको पायलट एके भसीन को रेलवे लाइन पर सिलिंडर जैसा कुछ नजर आया। उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका और पास जाकर देखा तो ट्रैक पर रेलवे का फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशमन सिलिंडर) पड़ा था। भसीन ने इसकी सूचना रेलवे के अधिकारियों को दी और सिलिंडर लेकर सेंट्रल स्टेशन पहुंच गए। उन्होंने सिलिंडर को आरपीएफ के हवाले कर दिया।
जांच में पता चला कि फायर सेफ्टी सिलिंडर गोरखपुर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर की ओर से जारी किया गया था। इसमें जीकेपी लिखा है। उत्तर मध्य रेलवे के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि यह सिलिंडर रेलवे का है और इसके ट्रेन से गिरने की आशंका है। कैरिज एंड वैगन विभाग मामले की जांच कर रहा है।
झांसी-कानपुर रूट पर जिस जगह यह फायर सेफ्टी सिलिंडर मिला है, वहां से गोविंदपुरी स्टेशन की दूरी करीब 500 मीटर है। अगर सिलिंडर ट्रेन के इंजन से टकराता, तो बड़ा धमाका हो सकता था। अग्निरोधी रसायन से अग्निशमन यंत्र भरा हुआ था, जिसे आग लगने पर उपयोग में लाया जाता है। इंजन से टकराने के बाद या उस पर दबाव बढ़ने पर वह फट सकता था। पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाई और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी।
यह इलाका दादानगर औद्योगिक क्षेत्र से बिलकुल नजदीक पड़ता है। रविवार की तड़के पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने जैसे ही अग्निशमन यंत्र को देखा तो उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचना दी और उसे लेकर सेंट्रल स्टेशन में आरपीएफ के हवाले कर दिया।
इसकी जांच कराई गई तो इसके गोरखपर से मुंबई जा रही कुशीनगर एक्सप्रेस से गिरने का पता चला है। अब इसकी पड़ताल कराई जा रही है कि फायर सेफ्टी सिलिंडर आखिर कैसे डाउन लाइन पर पहुंचा? यह जानबूझ कर फेंका गया है या किसी की गलती से नीचे गिरा है?
बहरहाल कई पहलुओं पर जांच शुरू हो गई है, जिसमें रेलवे के कैरिज एंड वैगन विभाग, आरपीएफ, जीआरपी और अन्य अनुभागों को शामिल किया गया है। सभी अपनी संयुक्त रिपोर्ट देंगे। डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह ने बताया कि मंडल की ओर से जांच कराई जा रही है। कई टीमें लगी हुई हैं। यह अपनी संयुक्त रिपोर्ट देगी।
आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित ने बताया कि अग्निशमन यंत्र कुशीनगर एक्सप्रेस से गिरने का पता चला है। इसके गिरने की जांच कराई जा रही है। घटना के पीछे शरारत होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
पेट्रोलिंग टीम से जानकारी जुटाई
आरपीएफ और जीआरपी स्टाफ ने गोविंदपुरी से भीमसेन के बीच शनिवार की देर रात पेट्रोलिंग करने वाले ट्रैकमैन, जीआरपी और आरपीएफ सिपाहियों से संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटाई। जीआरपी से राकेश यादव और ट्रैकमैन करण की ड्यूटी रात 10 से सुबह छह बजे तक थी। उनसे पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने अप और डाउन लाइन का निरीक्षण किया था।
इसी रूट की अप लाइन पर डिरेल हुई थी साबरमती
इससे पहले इसी रूट पर 16 अगस्त की रात को भीमसेन स्टेशन के नजदीक साबरमती एक्सप्रेस बोल्डर से टकरा कर पटरी से उतर गई थी। यह हादसा अप लाइन पर हुआ था। मामले में पुलिस, आरपीएफ के साथ ही एनआईए जांच कर रही है। आठ सितंबर को अनवरगंज-कासगंज रूट पर बिल्हौर की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस भरे हुए एलपीजी सिलिंडर से टकराई थी। रेलवे ट्रैक के किनारे बोतल में पेट्रोल और बारूद भी मिला था। बीते शनिवार 21 सितंबर को कानपुर-फतेहपुर रेलवे लाइन पर प्रेमपुर स्टेशन की लूप लाइन पर पांच लीटर क्षमता का खाली एलपीजी सिलेंडर मिला था। सभी में पुलिस, आरपीएफ और खुफिया एजेंसियां जांच जारी है।