Ram Lalla Pran Pratishtha Anushthan: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का आज चौथा दिन है। नवग्रह की स्थापना की जाएगी। मंदिर और गर्भगृह भी अब बंद रहेगा।
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha Anushthan: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान चल रहा है, जिसका आज चौथा दिन है। दिन की शुरुआत राम मंदिर में सुबह 9 बजे पवित्र अग्नि प्रज्ज्वलन के साथ हुई। ‘नवग्रह’ की स्थापना हुई और ‘हवन’ किया गया।
आज राम मंदिर के गर्भगृह में रखी गई रामलला की मूर्ति को ‘औषधिवास’ (औषधीय निवास), ‘केसराधिवास’ (भगवा निवास), ‘धृतशिवस’ (धृत निवास) और पुष्पाधिवास दिया जाएगा।
22 जनवरी तक बंद रहेगा मंदिर और गर्भगृह
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि गुरुवार दोपहर को अनावरण समारोह के दौरान रामलला की मूर्ति को घूंघट से ढक दिया गया था। रामलला की आंखों पर सफेद पट्टी बांधी गई है।
इस दौरान रामलला की तस्वीर विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर करके लोगों तक पहुंचाई गई। वहीं अब 22 जनवरी तक गर्भगृह के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। 23 जनवरी की सुबह गर्भगृह और मंदिर आम लोगों के लिए खोला जाएगा।
आखिर कैसे होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा?
प्राण शब्द का अर्थ है जीवन, प्रतिष्ठा का मतलब है स्थापना। प्राण प्रतिष्ठा का मतलब है, किसी निर्जीव चीज में जीवन शक्ति का आह्वान करना। 22 नजवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करके प्रतिमा में जीवन शक्ति का आह्वान किया जाएगा। यह जैन और हिंदू धर्म का अनुष्ठान है, जिसे करते हुए देवी-देवता की मूर्ति को पवित्र कराकर मंदिर आदि में स्थापित किया जाता है।
रामलला गुरुवार को पर्दे से कवर कर दिए गए। 22 जनवरी को अनुष्ठान करके रामलला की आंखों पर बंधी पट्टी को उतार दिया जाएगा। पहले रामलला को आइना दिखाया जाएगा, जिसमें वह अपना चेहरा देखेंगे। इसके बाद 23 जनवरी से लोग रामलला के दर्शन करेंगे। गर्भगृह में PM मोदी यही काम करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा करने से डर, बाधाओं, कष्टों, रोग, दोषों से मुक्ति मिलती है।
प्राण प्रतिष्ठा की विधि और तरीका
- रामलला की आंखों पर बंधी पट्टी को उतारकर उन्हें आइना दिखाया जाएगा।
- रामलला की प्रतिमा को गंगाजल और सरयू नदी के जल से स्नान कराया जाएगा।
- प्रतिमा को पोंछकर नए कपड़े पहनाएं जाएंगे। पवित्र अंग वस्त्र धारण कराया जाएगा।
- रामलला को चंदन का तिलक लगाकर श्रृंगार किया जाएगा। सुगंधित इत्र का छिड़काव होगा।
- प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की आरती करके भोग लगाकर लोगों को प्रसाद वितरण किया जाएगा।
- प्राण प्रतिष्ठा की पूरी प्रक्रिया के दौरान बीज मंत्रोच्चारण चलता रहेगा।