Eunuch Mahamandaleshwar Hemangi Sakhi Maa: अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ महामंडलेश्वर को चुनावी रण में उतारा हैं। इससे वाराणसी में लोकसभा चुनावी रण काफी रोमांचक हो गया है। कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, क्योंकि महामंडलेश्वर काफी लोकप्रिय हैं।
Eunuch Mahamandaleshwar Hemangi Sakhi Profile: लोकसभा चुनाव 2024 के रण में इस बार एक मुकाबला काफी रोमांचक और दिलचस्प होगा। जी हां, उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं उनके सामने चुनावी रण में देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को उतारा गया है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने उन्हें चुनाव टिकट दिया है। 5 भाषाओं में भागवत कथा सुनाने वाली हिमांगी 10 अप्रैल तक वाराणसी आ जाएंगी। वे खुद घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करेंगी। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने बीते दिन उत्तर प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। इनमें सबसे खास महामंडलेश्वर हिमांगी का है।
क्यों चुनावी रण में हैं हिमांगी सखी?
हिमांगी सखी कहती हैं कि लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनकर वे किन्नरों को उनके अधिकार और सम्मान दिलाने के लिए काम करेंगी। वे कहती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा अच्छा है, लेकिन ‘किन्नर बचाओ-किन्नर पढ़ाओ’ के बारे में उन्होंने कभी बात नहीं की, मुझे इस पर काम करना है। किन्नरों को भी नौकरियों, लोकसभा, विधानसभा, स्कूल-कॉलेजों में आरक्षण मिलना चाहिए। उनका प्रतिनिधि भी सरकारी स्तर पर वर्किंग होना चाहिए, जो उनके हित में काम कर सके। किसी को या प्रधानमंत्री को हराना मकसद नहीं, बल्कि चुनाव जीतकर लोगों का विश्वास हासिल करना, किन्नरों को लोगों की नजरों में ऊपर उठाना, उन्हें आर्थिक क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाना मकसद है। इसके लिए राजनीति एक रास्ता है।
कौन हैं महामंडलेश्वर हिमांगी सखी?
हिमांगी सखी हिमांगी मां उर्फ हिमांगी सखी पशुपतिनाथ अखाड़े की किन्नर महामंडलेश्वर हैं। प्रथम किन्नर भगवताचार्य हैं। वे हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती, मराठी में कथा सुनाती हैं। उनके पिता गुजराती थे। मां पंजाबी परिवार से थीं। हिमांगी सखी का पालन पोषण महाराष्ट्र में हुआ, इसलिए वे कहती हैं कि उन्हें 5 भाषाएं आती हैं।